'जहाज़' जिस प्रकार 'कप्तान' से सम्बद्ध है, ठीक उसी प्रकार का सम्बन्ध 'अख़बार' का 'सम्पादक' से होता है। जिस तरह एक जहाज़ को सही मार्ग पर बनाए रखने की ज़िम्मेदारी उस पर नियुक्त कप्तान की होती है, ठीक वैसे ही एक अख़बार के संचालन का महत्वपूर्ण कार्य उसके सम्पादक के कंधों पर होता है।
जैसा कि आपको ज्ञात होगा कि हमें देश-दुनिया, खेल, मनोरंजन, व्यवसाय आदि की तमाम ख़बरों से रूबरू करवाता महज़ पांच रुपए की कीमत वाला समाचार पत्र, हमारे दैनिक जीवन में काफी महत्वपूर्ण किरदार अदा करता है और इस ज़िम्मेदारी का निर्वाहन करने के लिए, समाचार एकत्रित करने से लेकर प्रकाशन तक हर स्तर पर कई टीमें काम कर रही होती हैं जो अलग अलग तरीके से अख़बार को अपना योगदान देती हैं।
इन सबके, एक दूसरे से भिन्न होकर किए गए कार्यों को एक संगठित रूप देना, आवश्यकता अनुसार अनावश्यक ख़बरों को हटाना, कमाई के साधन जैसे विज्ञापन एवं वर्गीकृत पर ध्यान रखने के अलावा किसी ज्वलंत समसामयिक मुद्दे पर सम्पादकीय लिखने जैसे अनगिनत मोर्चों पर एक अख़बार का सम्पादक ही उसका सेनापति होता है।
आशा है कि आपको अपने प्रश्न का उत्तर मिल गया होगा।
आपका दिन शुभ हो।