1)डेल्टा वैरिएंट क्या है?
डेल्टा वैरिएंट या डेल्टा प्लस वैरिएंट को समझने के लिए सबसे पहले यह समझ लेना जरूरी है कि वैरिएंट क्या है? वैरिएंट का सीधा साधा मतलब है कि वायरस का हर बार अपना रूप बदल लेना, जितेश वैरीएंट कहा जाता है। डेल्टा वैरिएंट कोरोनावायरस का ही एक रूप है जो कोरोनावायरस को और भी ज्यादा जानलेवा बना रहा है।भारत में कोरोनावायरस की दूसरी लहर के लिए इसी वायरस को जिम्मेदार माना गया है। इसकी पहचान पिछले साल अक्टूबर महीने में हुई थी इस वैरीएंट के कारण व्यक्ति लगा चुके लोगों पर भी इसका असर पड़ा है यह वेरिएंट अभी दुनिया के 50 देशों में सक्रिय है।
2)क्या है कोरोना डेल्टा प्लस वैरिएंट?
डाटा प्लस वेरिएंट डेल्टा वैरिएंट का ही एक विशाल रूप है। डेल्टा वैरीएंट के रूप में बदलाव के कारण बना है डेल्टा वैरीएंट। डेल्टा वैरीएंटट भारत में मिला था जो B. 1.617.2 था। और उसके बाद पिछले कुछ महीनों से कई देशों में पाया गया है खासकर यह यूरोप में पाया गया। वेरिएंट के स्पाइक प्रोटीन में कुछ K417N बदलाव देखने को मिले थे। डेल्टा प्लस वैरिएंट का पहला नाम B. 1.617.2.1 था ऑडियो सबसे पहले यूरोप में देखा गया था।यह डेल्टा प्लस वैरिएंट स्पाइक प्रोटीन कोरोनावायरस का एक अहम हिस्सा है और यही वह वेरिएंट है जिसके कारण वायरस मानव शरीर में घुसकर इन्फेक्शन करताहै।
3)कितना खतरनाक हो सकता है ये डेल्टा प्लस वैरिएंट
जैसा कि आप सभी जानते हैं कि कोरोनावायरस की दूसरी दहर अपनी चरम पर है और भारत में लगातार कोरोनावायरस से मौतें भी हो रही है। कोरोनावायरस ने पिछले कुछ समय से जो दवाई भारत समेत पूरे विश्व में मचाई है उसके पीछे डेल्टा वैरिएंट शामिल है। और इसी डेल्टा वैरिएंट का विकसित रूप है डेल्टा वैरिएंट प्लस जोकि डेल्टा वैरिएंट से कई गुना ज्यादा प्रभावी है।
एक्सपोर्ट का तो यहां तक मानना है कि कुरूना की तैसी लहर के पीछे इसी वेरिएंट का हाथ है।
एक्सपर्ट्स की मानें तो इस डेल्टा वैरिएंट प्लस पर वैक्सीन भी कोई असर नहीं करेगी। इस बात की जानकारी भारत के टॉप विषाणु विज्ञान और आई. एन. एस.एस.सी.ओ.जी के पूर्व सदस्य
प्रिपरेशन शाहिद जमील ने बताया है कि " डाटा प्लस वेरियस वैक्सीन और यूनिटी दोनों को चकमा दे सकता है। बीते कुछ समय से भारत में हर एक व्यक्ति को कोरोनावायरस की व्यक्ति लगाई जा रही है और कई बार तो वैक्सीन कोरोनावायरस से लड़ने में प्रभावी साबित हो रही है, लेकिन प्रोफेसर जमील की यह बातें वास्तव में चिंताजनक है। आगें जमील ले इस पर बात करते हुए बताया कि "डेल्टा प्लस में सिर्फ ओरिजनल डेल्टा वैरिएंट की ही खासियत न होकर एक ऐसा प्रभावी तत्व है जिसमें K417N का म्यूटेशन भी है.और ये म्यूटेशन साउथ अफ्रीका में मिले बीटा वैरिएंट में भी दखने को मिला था"। इसीलिए इस बात की चिंता और बढ़ गई है कि इस पर अगर वैक्सीन भी प्रभावी साबित नहीं होगी तो हालात और भी बदत्तर हो सकते है । और यही नहीं एक्सप्रेस का तो यहां तक मानना है कि डेल्टा वेरिएंट प्लस पर कोई दवाई तक असर नहीं करेगी। यह वास्तव में चिंताजनक बात है, क्योंकि जैसा आप सभी को पता होगा कि कोरोनावायरस की वैसलीन बनाने में वैज्ञानिकों को करीबन डेढ़ साल का समय लग गया और अब यह नई मुसीबत।
भोपाल, महाराष्ट्र और केरल में तो डेल्टा प्लस वैरिएंट के 25 मरीज मिल चुके हैं जिसे लेकर सरकार की चिंता और बढ़ गई है क्योंकि यह 25 मरीज करना के हैं जिनमें डाटा प्लस वैरिएंट के प्रभावी लक्षण पाए गए हैं।
4)लक्षण-
डेल्टा वैरीएंट और डेल्टा प्लस वैरिएंट के लक्षण है - सर्दी,खांसी,बुखार,मांस पेशियों में दर्द, सांस फूलना और थकान लगना। वैज्ञानिकों का मानना है कि डेल्टा प्लस वैरिएंट डेल्टा वैरिएंट से भी ज्यादा घातक है।