मन के हारे हार है और मन के जीते जीत। इस पंक्ति का अर्थ वैसे तो कई कवियों ने अपनी सोच के अनुसार बताया है। परंतु मेरे अनुसार मानव जीवन में अनेकों परिस्थितियां देखता है। कभी उसे इन परिस्थितियों के कारण खुशी मिलती है व कभी वो इन परिस्थितियों के कारण बहुत निराश और दुखी हो जाता है। परन्तु विकट परिस्थिति मे अपने विवेक, साहस और भगवान के प्रति आस्था से यदि मानव कार्य करें तो वह विकट परिस्थिति को भी आसानी से पार कर लेगा। और उसकी मन की हारे हार मन की जीते जीत मे बदल जाएगी।