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केदारेश्वर मंदिर (हालेबिदु, कर्नाटक): यह राजा वीरा बल्लाला II और होयसला की उनकी रानी केतलदेवी द्वारा बनाया गया था। यह एक पुरातात्विक कृति है और इसे सोपस्टोन से बनाया गया है। यह एक तीन मंजिला संरचित मंदिर है जिसे 1219 ईस्वी पूर्व शिव को समर्पित किया गया था।
सूर्य मंदिर (मोढेरा, गुजरात): यह मंदिर उड़ीसा में स्थित कोणार्क के अधिक प्रसिद्ध सूर्य मंदिर द्वारा बनाया गया है। यह अभी भी देखना है। यह एक चिनाई वाली कृति है, जिसका निर्माण सोलंकी राजवंश ने किया था। इसका निर्माण राजा भीमदेव प्रथम के आदेशों के तहत किया गया था। 1026-1207 ई. के आसपास निर्मित मंदिर परिसर में कई पैटर्न हैं, साथ ही देवताओं, देवताओं और दैनिक जीवन के उत्कीर्णन भी हैं।
कांची कैलासनाथर मंदिर (तमिलनाडु): यह मंदिर कांचीपुरम की सबसे पुरानी संरचना है। इसका निर्माण लगभग 700 ईसा पूर्व पल्लव वंश के राजा नरसिंहवर्मन द्वितीय ने करवाया था। यह लगभग पूरी तरह से बलुआ पत्थर से बना है। यह भगवान शिव को समर्पित है और उनके विभिन्न स्वरूपों में भगवान शिव की कई अद्भुत मूर्तियां हैं।
होयसलेश्वर मंदिर (हलेबिदु, कर्नाटक): यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। इसे कभी-कभी हलेबिदु मंदिर भी कहा जाता है और हलेबिडु शहर का सबसे बड़ा स्मारक है। इसका निर्माण 1121 और 1160 CE के बीच किया गया था। यह राजा विष्णुवर्धन के आदेश पर केटामल्ला द्वारा सोपस्टोन से बनाया गया है। यह एक दो-छोटा और साथ ही दो सुपर-संरचित मंदिर है जिसमें कई विस्तृत और जटिल नक्काशी हैं जो हिंदू किंवदंतियों और पौराणिक कथाओं के दृश्यों को चित्रित करते हैं।
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