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महासागरों में धाराओं का जन्म कई प्रमुख कारणों से होता है, जिनमें धरती की घूर्णन गति, जल का तापमान, घनत्व सभी में अलग अलग की स्थिति, हाव , वर्षा जल की मात्रा एवं वाष्पीकरण में भिन्नता आदि शामिल हैं। जो धाराएँ समुद्र की तटों पर तापक्रम को डेमेज करती हैं।
जो हमारा महासागर होता है उसका जल निर्देष्ट दिशा वाले प्रवाह को ही महासागरीय धारा कहते हैं। यह धाराएं, महासागरों के भीतर बहने वाली शीतल नदियाँ होती हैं। महासागर का जल स्थित नहीं रहता लेकिन यह इस बात से अनजान होती है, किन्तु रियल मे ऐसा नही होता है। महासागर का जल हमेशा एक नियमित स्पीड से बहता रहता है और हमें ऐसे धाराओं के अनेक रूप देखने को मिलते हैं। ज़ब जलवायु मे परिवर्तन होता है तो यह परेगिस्तान बन जाता है।
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