Official Letsdiskuss Logo
Official Letsdiskuss Logo

Language


English


parvin singh

Army constable | पोस्ट किया |


भारत में 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस परेड का क्या महत्व है?


2
0




Social Activist | पोस्ट किया


भारत का गणतंत्र-दिवस हर साल 26 जनवरी को मनाया जाता है। 1950 में इसी दिन भारत का संविधान लागू हुआ था। और इसके लिये यही दिन इसलिये चुना गया क्योंकि 1930 में 26 जनवरी के इसी दिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा पूर्ण-स्वराज की घोषणा की गई थी। हालांकि भारतीय संविधान तो 26 नवंबर, 1949 को ही देश को समर्पित कर दिया गया था।

26 जनवरी, यानी गणतंत्र-दिवस के इस अवसर पर हर वर्ष राजधानी नई दिल्ली के राजपथ पर, इंडिया गेट से लेकर राष्ट्रपति-भवन तक एक सैनिक परेड आयोजित की जाती रही है। जिसमें भारतीय सेना विभिन्न रेजीमेंट्स, वायुसेना और नौसेना सभी की हिस्सेदारी होती है। राष्ट्रपति महोदय राष्ट्र-ध्वज फहराते हैं, और राष्ट्र-गान होता है। इसके अलावा सभी राज्यों द्वारा उनकी ख़ासियतों को दिखाते हुये अपनी-अपनी मनोहर झांकी भी निकाली जाती है। बता दें कि पहली बार गणतंत्र-दिवस की परेड का आयोजन 'ब्रिटिश इरविन स्टेडियम' में हुआ था, जो अब नैशनल स्टेडियम है। अाज इस गणतंत्र-दिवस के पर्व को विभिन्न सरकारी व निजी संस्थानों द्वारा अपने-अपने स्तर से मनाया जाता है। और राजधानी दिल्ली में आयोजित परेड का आकर्षण इतना होता है कि सुबह से ही इसे देखने लोग टीवी के सामने बैठ जाते हैं।

वैसे तो 26 जनवरी को गणतंत्र-दिवस सारे देश में पूरी धूमधाम से मनाया जाता है, पर देश की राजधानी दिल्ली में इसकी छटा निराली होती है। इस दिन इंडिया-गेट से राष्ट्रपति-भवन तक आयोजित होने वाली भव्य परेड में तीनों नौसेना, थलसेना और वायुसेना के जवान शामिल होते हैं, और तीनों सेनाओं के प्रमुख महामहिम राष्ट्रपति को सलामी देते हैं। इसके अलावा देश की सैन्य या सामरिक क्षमता का प्रदर्शन भी गणतंत्र-दिवस को होता है, जो कि राष्ट्रीय-शक्ति का प्रतीक है।

26 जनवरी, गणतंत्र-दिवस को आयोजित होने वाले परेड में देश भर के विभिन्न विद्दालयों से आये हुये बच्चों की हिस्सेदारी भी होती है, जो समारोह में रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत करते हैं। इस आयोजन की एक विशेष बात यह भी है कि इसमें पूरी दुनिया के माननीयों में से कोई एक हर साल मुख्य-अतिथि के तौर पर चुना जाता है, जो पूरे कार्यक्रम के दौरान मौज़ूद रहता है।

नई-दिल्ली के लाल-किले पर गणतंत्र-दिवस आयोजन के दौरान सभी राज्यों की झांकी प्रस्तुत की जाती है। जिसमें हर सूबा अपनी कला-संस्कृति, विरासत और विविधता के गौरव की अभिव्यक्ति करता है। इतना ही नहीं, इस अवसर पर हर राज्य द्वारा अपने क्षेत्र के लोकगीतों व लोकनृत्यों का प्रदर्शन भी किया जाता है। 26 जनवरी को गणतंत्र-दिवस पर लाल-किले के परेड समारोह में भारत के हर कोने से दर्शक आते हैं। गणतंत्र-दिवस पर आयोजित परेड के शानदार दृश्य का सीधा प्रसारण राष्ट्रीय चैनलों द्वारा किया जाता है।

गणतंत्र-दिवस हमारे राष्ट्रीय पर्वों में से एक है। इस मौके पर होने वाली परेड हमारी राष्ट्रीय शक्ति और सामर्थ्य का प्रतीक है। इसी दिन 'भारत सरकार एक्ट -- 1935' को हटाकर हम सभी भारतवासियों ने देश के लिये एक संप्रभुता संपन्न, न्यायवादी, धर्म-निरपेक्ष, समाजवादी और लोकतांत्रिक संविधान को अंगीकार किया था। इस वर्ष 26 जनवरी को हम अपना 72वां गणतंत्र-दिवस मनायेंगे। हर साल की तरह ही अबकी बार भी इस अवसर पर महामहिम राष्ट्रपति द्वारा ध्वजारोहण के पश्चात् राष्ट्र-गान होगा, तीनों सेनायें राष्ट्रपति को इक्कीस तोपों की सलामी देंगी, और एक भव्य परेड निकलेगा। जिसमें देश की सेना और विभिन्न स्कूलों के बच्चों द्वारा भी 'मार्च-पास्ट' करते हुये राष्ट्रपति को सलामी दी जायेगी।
Letsdiskuss
राजधानी दिल्ली में गणतंत्र-दिवस पर आयोजित होने वाली परेड का बड़ा अद्भुत नजारा होता है। जब सेना के जवान एकसाथ और एक धुन पर कदमताल करते हुये परेड करते हैं। इस परेड को देखने दूर-दराज़ से, देश-विदेश से लोग आते हैं। जो रायसीना-हिल्स यानी राष्ट्रपति-भवन और शहीदों के स्मारक स्थल इंडिया-गेट के बीच होती है। इसके बाद तीनों सेनायें अपनी शक्ति व सामर्थ्य का प्रदर्शन करती हैं। सारा आकाश तिरंगे के रंग में रंगारंग हो जाता है। इस मौके पर राष्ट्रपति द्वारा सेना के वीर जवानों को वीर चक्र, परमवीरचक्र, शौर्य चक्र आदि बहादुरी संबंधित पुरस्कार प्रदान किये जाते हैं। साथ ही उन बच्चों को भी 26 जनवरी, गणतंत्र-दिवस के अवसर पर पुरस्कृत किया जाता है जो अपनी जान की परवाह न करके किसी दूसरे की जान बचाने का कारनामा कर दिखाते हैं।

वस्तुतः यही वह अवसर होता है जब हम दुनिया को अपनी शक्ति, गौरव और जौहर के रंग दिखा सकते हैं। जिसका गवाह पूरा संसार बनता है। कुल मिलाकर देखें तो 26 जनवरी, गणतंत्र-दिवस की परेड हमारी आन-बान और शान की सूचक होती है। यह हमारी राष्ट्रीय विकास-यात्रा का प्रतिनिधित्व करती है। यह सीधे तौर पर देश की गरिमा से जुड़ा होता है।


1
0

| पोस्ट किया


26 जनवरी को हमारा संविधान लागू हुआ था। इसीलिए हर साल 26 जनवरी का बहुत ही बड़ा दिन होता है जो हमारे देश के लिए काफी उत्साह मनाता है स्कूल, विद्यालय, हर कॉलेजो में देखा जाता है कि 26 जनवरी के दिन तरह-तरह के नृत्य, संगीत, कसम परेड कराई जाती हैं परेड हमारी आन-बान और शान की सूचक होती है। यह हमारी राष्ट्रीय विकास-यात्रा का प्रतिनिधित्व करती है। यह सीधे तौर पर देश की गरिमा आगे बढ़ने के लिए। जिससे हमारे देश की आन बान शान हमेशा बनी रहे.।Letsdiskuss


1
0

');