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वैदिक काल में पंचों को परमेश्वर माना जाता था. वह लोग जो भी निर्णय करते थे उन्हें गांव वालों को मानना पड़ता था। इस काल में गांव का प्रमुख ग्रामीण नाम से जाना जाता था। शासन की सबसे छोटी इकाई गांव होती थी।सल्तनत काल मुगल काल में भी सबसे छोटी इकाई गांव की थी.। इस काल में लोग आपस में मिल जुल कर रहते थे। एक दूसरे के साथ वक्त पड़ने पर काम आते हैं। पंचायत में चार प्रमुख अधिकारी हुआ करते थे मुकद्दाम, पटवारी,चौधरी, और चौकीदार इन्हीं लोगों के द्वारा गांव के निर्णय लिए जाते थे.।
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Preetipatelpreetipatel1050@gmail.com | पोस्ट किया
इस युग में गांव का प्रमुख नाम ग्रामिक या ग्राम के नाम से जाना जाता था, सभी ग्राम का चयन सरकार द्वारा किया जाता था , उसे सरकारी कर्मचारी नाम से जाना जाता था। यह गांव की सबसे छोटी यूनिट होती है । ग्राम के मेन अधिकारी को महतर अथवा भाजक भी कहते थे। सल्तनत काल में भी सबसे छोटी इकाई गांव को ही कहा जाता था! और सभी गांव के निर्णय उस गांव के सरपंच द्वारा लिए जाते थे!
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