सबसे बेहतरीन वैक्सीन कौन सी कही जा सकती है और क्यों? - letsdiskuss
Official Letsdiskuss Logo
Official Letsdiskuss Logo

Language


English


Trishna Dhanda

Self-Starter!!!!! | पोस्ट किया |


सबसे बेहतरीन वैक्सीन कौन सी कही जा सकती है और क्यों?


7
0




Student | पोस्ट किया


कोरोनावायरस एक ऐसा वायरल, जिसने भारत समेत संपूर्ण विश्व को अपने कहर से तड़पाया है। वर्तमान समय में जैसा कि दिखा जा रहा है भारत में कोरोना के केस धीरे धीरे कंट्रोल में आ रहे हैं। और भारत में वैक्सीनेशन का कार्य भी चल रहा है। ऐसी स्थिति में एक अच्छी खबर जो सामने आ रही है कि भारत में दो-दो वैक्सीन को एक साथ मंजूरी मिली है। इन वैक्सीनों में पहली वैक्सीन है 'कोविशील्ड' जो की ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका की है। जिसका उत्पादन भारत में सीरम इंस्टीट्यूट कर रहा है। और दूसरी नंबर की वैक्सीन है 'कोवैक्सीन'। जिसे भारत बायोटेक ने बनाया है। इस संदर्भ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कहना है कि डीसीजीआई की सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक की वैक्सीन को मंजूरी देना एक स्वस्थ बेहतर व कोरोनावायरस मुक्त भारत देश के लिए बढ़ता हुआ एक कदम है।

यदि कोवैक्सीन और कोविशील्ड की तुलना इनकी गुणवत्ता के आधार पर करे तो 'कोविशील्ड' अपने क्लीनिकल ट्रायल के शुरुआती नतीजों में लगभग 90 % तक असरदार साबित हुई। जबकि ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने क्लिनिकल ट्रायल के बाद यह कहां की कोवैक्सीन लगभग 70.42 % कारगर सिद्ध है। कोवैक्सीन यह एक स्वदेशी वैक्सीन है, जिसको भारत बायोटेक ने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के साथ मिलकर बनाई है।

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा है कि वैक्सीनों के वितरण के संबंध में संपूर्ण देश में टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है । और इस संबंध में उन्होंने अपनी पूरी योजना समझाई। उन्होंने बताया कि टीकाकरण अभियान के पहले चरण में वे देश के तीन करोड़ हेल्थ वर्कर्स और फ्रंटलाइन वर्कर्स को मुफ्त में वैक्सीन लगाएंगे। और उन्होंने यह बताया कि और बाकी 27 करोड़ वरीयता वाले लोगों को जुलाई तक वैक्सीन देने के मामले में वे और उनकी टीम फैसला कर रही हैं। लेकिन सीरम इंस्टीट्यूट ने वैक्सीन की कीमत को लेकर पहले यह साफ-साफ कहा था कि 'कोविशील्ड' की एक डोज की कीमत करीब 500 रुपये हो सकती है। और वैक्सीन की दो डोज लगाना अनिवार्य है। यह वैक्सीन 2 डोज लगाने पर ही कारगर सिद्ध होगी।

देश में पिछले एक-दो महीने से वैक्सीनेशन का कार्य शुरू किया गया है। और वैक्सीन लगाने से लोगों को फायदा भी हो रहा है। पर कहीं-कहीं वैक्सीन के चुंबकीय परिणाम देखने को मिल रहे हैं। परंतु एक बात अच्छी ये है कि इन परिणामों से किसी को कोई हानि नहीं हो रही है।

ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया के निदेशक वीजी सोमानी कि लोगों को यह सलाह है कि जिन भी वैक्सीनो को आम लोगो को लगाने की इजाजत दी गई है, वो सभी 110%सुरक्षित हैं। लेकिन वैक्सीन लगाने के एक-दो दिन तक हल्का बुखार, दर्द होना किसी भी वैक्सीन के साइड इफेक्ट नहीं है बल्कि हल्का बुखार आना एक अच्छा संकेत है। हल्के बुखार का मतलब यह होता है कि वैक्सीन हमारे शरीर में एंटीबॉडीज बना रही है। फिर भी यदि ज्यादा स्वास्थ्य खराब हो तो डॉक्टर से सलाह ले। यदि बात कोविशील्ड के बनने और के कार्य करने की करे तो इस वैक्सीन को जेनेटिकली इंजीनियर्ड वायरस की मदद से बनाया गया है। इस वैक्सीन को काफी सावधानी से बनाया गया है ताकि यह आम लोगों के लिए लाभकारी हो। और इससे कम से कम साइड इफेक्ट हो।कोविशिल्ड एक इनएक्टिवेटेड वैक्सीन है। विश्व स्वास्थ्य संगठन( who )के मुताबिक, ये वैक्सीन वायरस या बैक्टीरिया को मारकर बनाई गयी , इसलिए ये एंटीबॉडीज बनाएगी ना कि कोई बीमारी फैलाएगी। कोविशील्ड और कोवैक्सीन दोनों वैक्सीन ही प्रभावी वैक्सीन है। यदि आपका नंबर वैक्सीन लेने का आता है तो आप अवश्य ही इन वैक्सीनो को लगाएं। क्योंकि देश के हर व्यक्ति को वह वैक्सीन लगना अनिवार्य है।

  1. Letsdiskuss


11
0

');