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नाथूराम विनायक गोडसे पुणे के एक हिंदू राष्ट्रवादी माने जाते थे. पुणे का जन्म 19 मई 1910 में हुआ था. नाथूराम विनायक गोडसे ही वह व्यक्ति है जिसने हमारे देश के परम पिता महात्मा गांधी जी को 30 जनवरी 1948 मे गोली मारकर हत्या कर दी थी. उनका मानना यह था कि भारत के विभाजन के चलते गांधी जी ने ही मुसलमानों की राजनीतिक मांगों का समर्थन किया था। गांधीजी को तीन गोलियां मरने के बाद वह जेल चले गए और उनकी मृत्यु उसी जेल मे हो गई.
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नाथूराम गोडसे महात्मा गांधी जी के हत्यारे थे। और इनका जन्म 19 मई 1910 को मुंबई पुणे रेल मार्ग पर स्थित रेलवे स्टेशन काम सेट से 10 मील दूर एक बहुत ही छोटे से गांव उकसान में हुआ था और नाथूराम गोडसे का जन्म एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था और इनके पिता का नाम विनायक गोडसे था जो डाक विभाग पर कर्मचारी थे। नाथूराम गोडसे ने 30 जनवरी सन 1948 को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के सीने ने में तीन गोली मारकर उनकी हत्या कर दी थी। तभी गांधी जी की हत्या के जुर्म में नाथूराम गोडसे 15 नवंबर 1949 को फांसी की सजा सुनाई गई थी।
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नाथूराम गोडसे ने ही महात्मा गांधी को गोली मारकर हत्या की थी। इन्होने 30 जनवरी 1948 को नई दिल्ली में बिंदु रिक्त सीमा पर गांधीजी के सीने में 3 गोली मारकर हत्या कर दिए थे। ये एक हिंदू राष्ट्रवाद अधिक व्यापक थे। इन्होंने मंदिरों और मूर्तियों का भी निर्माण कराया था । लेकिन गांधीजी के मृत्यु के बाद गोडसे को पंजाब उच्च न्यायालय हाई कोर्ट में शामिल किया गया था तब उन्हें 8 नवंबर 1949 को मौत की सजा सुनाई थी और इन्हे 15 नवंबर 1949 को अंबाला सेंट्रल जेल में फांसी दे दी गई थी.।
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महात्मा गांधी का हत्यारा नाथूराम विनायक गोडसे था। वह पश्चिमी भारत के एक उग्र हिंदू राष्ट्रवादी थे, जिन्होंने 30 जनवरी 1948 को नई दिल्ली के बिड़ला हाउस में एक बहु-विश्वास प्रार्थना सभा में गांधी को तीन बार सीने में गोली मार दी थी। नाथू राम गोडसे का जन्म 19 मई 1910 को पुणे स्थित बारामती में हुआ था। संघ विचारधारा को मानने वाले नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी को जान से मारने के बाद अपने आपको आत्म समर्पण कर दिया था।
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