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पाकिस्तान और चाइना भारत के खिलाफ हैं। जबकि रूस और फ्रांस भारत के पक्ष में रहते हैं। (Russia France China Pakistan) इन सभी बातों के पीछे क्या रहस्य है? जानने के लिए आपको समझना होगा, पूरा आर्टिकल पढ़िए।
आपको बता दें कि प्रथम विश्वयुद्ध और दूसरे विश्व युद्ध के बाद दुनिया शीत युद्ध यानी कोल्ड वर्ल्ड वार से जूझ रही थी। दूसरे विश्व युद्ध के बाद रूस की ताकत घट गई और अमेरिका की ताकत बढ़ गई।
अमेरिका को पसंद करने वाले देशों में और रूस को पसंद करने वाले देशों में पूरी दुनिया दो भागों में बैठ गई। रूस को नीचा दिखाने के लिए अमेरिका पाकिस्तान की मदद करने लगा। आपको बता दें कि पाकिस्तान का एजेंडा भारत के विरोध में हमेशा आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देना रहा है। इधर चीन भी भारत का पड़ोसी देश है और वह नहीं चाहता है कि भारत तरक्की करें इसलिए चीन जो है वह पाकिस्तान को अपने खेमे में शामिल किया हुआ है और यही सेवा भारत के लिए मुसीबतें खड़ा करता है। तो दोस्तों आप समझ गए होंगे कि पाकिस्तान और चीन दोनों भारत के खिलाफ हमेशा गतिविधियों में शामिल रहते हैं। किसी भी अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत के खिलाफ आग उगलने की कवायद में लिप्त रहते हैं।
90 के दशक के बाद से भारत बहुत शक्तिशाली हो गया है आने वाले समय में तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रही है। इसलिए अमेरिका ने भी इसी समय अपनी नीति को बदल दिया। वह भारत के खिलाफ पाकिस्तान को कूटनीतिक तरीके से आतंकवाद फैलाने की बात कहता रहा है। लेकिन भारत भी अपनी कूटनीति का इस्तेमाल करते हुए अमेरिका और रूस से से समान दूरी बनाए हुए हैं।
दोस्तों इधर रूस और फ्रांस दोनों भारत की बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था से प्रभावित है। रूस और फ्रांस भारत के साथ लगातार व्यापारिक अर्थव्यवस्था और शैक्षिक गतिविधियों का आदान प्रदान करते रहते हैं।
चाइना और पाकिस्तान की दोस्ती
आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त पाकिस्तान और उसकी मदद करने वाला चीन पूरी दुनिया के लिए खतरनाक साबित हो रहे हैं। भारत अलग-अलग मंचों में इनके खिलाफ अपनी बात उठाता रहा है।
क्योंकि पाकिस्तान आतंकवाद पूरी दुनिया में फैलाता है और चीन पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था में बॉस बनना चाहता है।
रूस और फ्रांस के अच्छे संबंध भारत से
रूस और फ्रांस से व्यापारिक रिश्ते हैं इसके साथ ही रूस और फ्रांस नहीं चाहते कि अमेरिका से नज़दीकियां भारत की बहुत बढ़ जाए क्योंकि ऐसा होने पर हमारी अर्थव्यवस्था का लाभ अमेरिका को मिलने लगेगा जिस कारण से रूस और फ्रांस इसका फायदा नहीं उठा पाएंगे। क्योंकि आने वाले समय में भारत में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है ऐसे में भारत के साथ व्यापारिक रिश्ते बनाने के लिए रूस और फ्रांस अभी से शुरू कर दिया है। जबकि अमेरिका भी भारत के करीब आना चाहता उधर रूस भारत का पुराने समय से अच्छा मित्र रहा है वह हर तरह की मदद भारत को करता है।
दोस्तों चीन और पाकिस्तान दोनों की दोस्ती स्वार्थ पर टिकी हुई है। चीन नहीं चाहता कि भारत आगे तरक्की करें इसलिए पाकिस्तान के साथ मिलकर भारत के खिलाफ गतिविधियों में शामिल रहता है।
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