अगर किसी व्यक्ति को मुंह, गले या गर्दन का कैंसर है और कीमोथेरेपी और रेडिएशन से उपचार कराना नहीं चाहता तो उनके लिए भारत में भी रोबोटिक सर्जरी की सहायता से ट्यूमर निकालने की नई तकनीक मौजूद है और डॉक्टरों के मुताबिक इस सर्जरी में दर्द भी काम होता हैं| इस तकनीक से मुंह गले या गर्दन के कैंसर से पीड़ित किसी व्यक्ति के मुंह को काटा नहीं जाता बल्कि रोबोट की सहायता से ट्यूमर को निकाला जाता है. एक रोबोट और उसकी कई बाहें होती है जिसमें से एक पर कैमरा लगा होता है और डॉक्टर उसमें देखकर थ्री डी के माध्यम से रोबोट की सहायता से ट्यूमर को काटकर निकाल देता है. इसके जरिए मुंह, गले और गर्दन के उस हिस्से तक पहुंचा जा सकता है जहां पर ट्यूमर है और जहां तक डॉक्टर के हाथ नहीं पहुंच पाते. रोबोट की सहायता से ट्यूमर को काटकर निकाल लिया जाता है तथा मरीज के मुंह एवं गर्दन में चीरा नहीं लगाया जाता है. नेक एंड थ्रॉक्स सर्जिकल ऑन्कोलॉजी’के निदेशक डॉ सुरेंद्र डबास ने कहा कि यह तकनीक अपेक्षाकृत आसान है. जहां कीमोथेरेपी और रेडिएशन में सात हफ्ते का वक्त लगता है वहीं इसमें रोगी को ठीक होने में सात दिन लगते हैं. इससे ऑपरेशन करने में 20
मिनट का वक्त लगता है. संक्रमण का भी खतरा कम होता है और रोगी जल्दी अपनी सामान्य गतिविधियां शुरू कर सकता है. उन्होंने कहा कि इस तकनीक के माध्यम से पीड़ित की आवाज भी बेहतर रहती है और खाने में भी उसे तकलीफ नहीं होती|