वर्तमान युग मे बिना तकनिकी सुविधा के जीवन जीना साधारण नहीं है | लोग इन सबके इतने आदि हो चुके है के तकनिकी सुविधा के वो अब सांस भी नहीं लेना चाहते | जहां तकनिकी सुविधाओं ने मनुष्य को कई सुविधा दी वही पर मानव जीवन को अस्त -व्यस्त करने मे भी इसी तकनिकी है हाथ है | मनुष्य मे आलश्य भर गया अब वो हर काम मशीन की सहायता से करना चाहता है |
नेट न्यूट्रैलिटी का मतलब है कि इन्टरनेट पर हर यूजर के साथ समानता का व्यवहार किया जाये | अर्थात सभी यूजर्स को सोशल मीडिया, ईमेल, वॉइस कॉल, ऑनलाइन शॉपिंग और यूट्यूब वीडियो जैसी सुविधाओं का इस्तेमाल करने के लिए इन्टरनेट की एक समान स्पीड और एक्सेस उपलब्ध हो |
आज हम इन्टरनेट और सोशल मीडिया के युग में रह रहे हैं | दुनिया के कुल 7.47 बिलियन लोगों के बीच 4.9 बिलियन मोबाइल फोन हैं | इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि मोबाइल लोगों की जिंदगी का कितना अभिन्न अंग बन चुका है | आजकल एक मिनट में ऑनलाइन शॉपिंग पर $751522 खर्च कर दिया जाता हैं | यह लेख इंटरनेट पर एक मिनट में होने वाली ऐसी ही विभिन्न गतिविधियों के बारे में कुछ बहुत रोचक तथ्य बता रहा है |
नैनो टेक्नोलॉजी वह अप्लाइड साइंस है, जिसमें 100 नैनोमीटर से छोटे पार्टिकल्स पर भी काम किया जाता है | ऐसा कहा जा रहा है कि भविष्य में हर तकनीक का आधार नैनो होगा | वर्तमान में भी हमारी रोजमर्रा की जरुरत की चीजों से लेकर मेडिसिन और बड़ी-बड़ी मशीनरी में नैनो टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जा रहा है |
आजकल स्मार्टफोन हर कोई इस्तेमाल करता है, जो कि लाइफ का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है | इन छोटे डिवाइसों की मदद से एक दुसरे के साथ कनेक्ट और अपडेट रहते है, यहां तक की यह एक मनोरंजन का भी अच्छा स्रोत बन गया है |
भारत में अभी भी 4G नेटवर्क का विस्तार हो रहा है, मगर दुनियाभर के टेलिकॉम ऑपरेटर्स मोबाइल टेक्नॉलजी की अगली जेनरेशन 5G लाने की तैयारी में जुट गए हैं। 3G और 4G के मामले में पीछे रही भारत सरकार चाह रही है कि 5G के मामले में वह दुनिया के अन्य देशों के साथ चल सके l इसीलिए उसने 5G लाने की तैयारी शुरू कर दी है। इस लेख में हमने 5G नेटवर्क, उसकी स्पीड, उसकी खूबियां और कमियां जैसे सवालों का जवाब देने की कोशिश की है l इसके साथ ही भारत में 5G को लेकर क्या तैयारी की जा रही है |