मौजूदा शैक्षिक नीतियां और अध्ययन प्रणाली केवल पेन्सिल और पेपर परीक्षण तक ही सीमित है | हम जो कुछ भी पड़ते है वो याद करने पर या यूँ कहें की रट्टा मारने पर मज़बूर किये जाते है | आपने अक्सर अपने शिक्षकों को यह कहते हुए सुना होगा, "परिभाषा और उत्तर वैसा ही होनी चाहिए जैसा आपकी पाठ्य पुस्तक में दिया गया है"। हमारी शिक्षा प्रणाली चीजों को ठूसने और पन्नो पर उल्टी करने के बारे में अधिक है , वह पन्ने जो आपके भविष्य का निर्णय लेते है | ( आपके परीक्षा नंबरों के द्वारा ) |
वह शिक्षा जो हमे ज्ञान देती है और ज्ञान के करीब ले जाती है समझने से आती है अध्ययन से आती है ,उसे रट कर नहीं | एक बार जब आप किसी चीज़ को समझ जायँगे तो आप पूरी तरह से अध्ययन करेंगे व इसे निश्चित रूप से कभी नहीं भूलेंगे। आप जो कुछ भी पड़ते है यदि समझने लगेंगे तो आप ज्ञान की तरफ बढ़ेंगे , उस याद हुए पाठ को अपनी भाषा में पिरोयंगे न की रट्टू तोता बनेंगे |
जिस चीज़ को हमे याद रखने की ज़रूरत है वह है मूल विषय और उसकी अवधारणा ,जिसे हजारों तरीकों से व्यक्त किया जा सकता है और आपकी पाठ्य पुस्तक में दिया गया तरीका उन हजारों में से एक है। हमेशा याद रखें कि आप केवल परीक्षा में अंक पाने के लिए नहीं अपितु ज्ञान प्राप्ति के लिए अध्ययन कर रहे हैं।
चीज़ो को याद रखने के तरीके :
• विभिन्न गतिविधियों के साथ-साथ पढ़ाई के लिए अपनी याददाश्त को तेज बनाने के लिए सबसे अच्छा तरीका है ध्यान केंद्रित करना | बेहतर एकाग्रता बेहतर समझ की ओर ले जाती है और आगे आपको चीजों को याद रखने में मदद करती है।
• किसी भी चीज़ का अभ्यास करना व बार-बार पड़ना भी सहायक है।
• आरेखों और तालिकाओं जैसी चीजों के लिए कागज पर अभ्यास करने से ,समझने और बेहतर परिचित होने में मदद मिलेगी।
• हमेशा ताज़ा दिमाग होने पर अध्ययन करें। जब आप नींद या थके हुए हों तो अध्ययन करना अच्छा नहीं होगा।
• अध्ययन के दौरान छोटे ब्रेक लेते रहें।
(Courtesy : Antonio Alvaro Ranha Neves
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