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Sumil Yadav

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अभिमान और स्वाभिमान में क्या फर्क है ?


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आज मैं आपको पोस्ट के माध्यम से अभिमान और स्वाभिमान में फर्क के बारे में बताती हूं -

अभियान में व्यक्ति को केवल मैं दिखा देता है। जबकि स्वाभिमान में दूसरों के हितों के प्रति सतर्कता विद्यमान रहती है।

यदि महत्व दिया जाए तो अभिमानी दूसरों को लघु समझने लगता है। और स्वाभिमानी अपने कार्य को महत्वता को समझ कर उसकी उपयोगिता का मूल्य जानता है।

अभिमानी सदैव अपनी कार्यों की सफलता को गिनता है।वह अधिकतर भूतकाल में जीता है जबकि स्वाभिमानी सीख लेकर अधिक उत्साही होकर नई योजनाओं को क्रियान्वित करता है।

स्वाभिमानी एक व्यक्ति को स्वावलंबी बनता है, जबकि अभिमानी व्यक्ति दूसरों पर अधिकार ही जमाता है।

अभिमानी व्यक्ति अपने स्वार्थपूर्ति हितों, के लिए दूसरे की आहत होने की परवाह नहीं करता जबकि स्वाभिमानी व्यक्ति दूसरों के हितों को ध्यान में रखकर अपने अस्तित्व को बचाए रखता है।

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Content Writer | पोस्ट किया


अभिमान और स्वाभिमान में अगर दोनों को देखा जाए तो कोई फर्क नहीं परन्तु इन दोनों को इनके अर्थ की तरफ से देखा जायें तो बहुत फर्क है | अभिमान और स्वाभिमान में अगर फर्क करना है, तो इसके लिए सबसे पहले इन दोनों के बारें में जानना जरुरी है, इनको समझना जरुरी है |


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अभिमान :-
अभिमान दो शब्दों से मिलकर बना हुआ है | अभि + मान , ये दोनों शब्द जब आपस में जुड़ते हैं, तो यह एक ऐसी स्थिति को जन्म देते हैं, जिस स्थिति के लोगों को हर कोई पसंद नहीं करता | अभि का अर्थ है - निडर और मान का अर्थ है - गौरव | जिन लोगों के अंदर निडरता और गौरव का एक साथ प्रवेश होता है, उन्हें अभिमान हो जाता है |

निडरता और गौरव यह दोनों शब्द मिलकर अभिमान का निर्माण करते हैं | जब किसी इंसान को लगातार अपने जीवन में प्रसिद्धियाँ मिलती रहती है, तब उसको अभिमान हो जाता है | उसको लगने लगता है, उसका गौरव चारों और निडरता से फैला हुआ है, जिसके कारण उसके अंदर घमंड आ जाता है |


स्वाभिमान : -
स्वाभिमान भी दो शब्दों से मिलकर बना है, स्वाभि + मान | स्वाभि का अर्थ हैं, अपना और मान का अर्थ है गौरव | साफ़ शब्दों में स्वाभिमान का अर्थ अगर हम जानने की कोशिश करें तो यह कहना सही होगा कि जब इंसान की जीवन में बात उसके अपने मान सम्मना की आती है, तब इंसान का स्वाभिमान जागृति हो जाता है |

अपने काम में अपने चरित्र में कभी दाग न लगने देने वाले लोग स्वाभिमानी कहलाते हैं | पर अगर आप इस बात को देखें तो अभिमान और स्वाभिमान में सिर्फ एक शब्द का फर्क है | पर यह फर्क पूरे अर्थ को बदल देता है |

अभिमानी वो जिसको खुद पर घमंड है,जो हर काम को "सिर्फ मैं ही कर सकता हूँ " कहें और स्वाभिमानी वो जो किसी भी काम को " मैं भी कर सकता हूँ" कहें ये स्वाभिमानी |


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अभिमान और स्वाभिमान में बहुत बड़ा फर्क होता है चलिए हम आपको दोनों में फर्क बताते हैं:-

  1. आपने देखा होगा कि जो व्यक्ति अभिमानी होता है वह हमेशा हेकड़ी भाषा का प्रयोग करता है जबकि स्वाभिमानी व्यक्ति हमेशा विनम्र भाषा का प्रयोग करता है।
  2. स्वाभिमानी अपनी सफलता का श्रेय अपनी साथियों को देते हैं जबकि अभिमानी उसका श्रेय खुद पूरा लेना चाहते हैं।
  3. स्वाभिमानी दूसरे लोगों को प्रभावित करने की चेष्टा नहीं करते जबकि अभिमानी लगातार दूसरे लोगों को प्रभावित करने की चेष्टा करते हैं।
  4. स्वाभिमानी किसी के भी साथ काम करने को तैयार रहते हैं जबकि अभिमानी सिर्फ वही काम करते हैं जहाँ उनको प्रमुखता मिलती हो।
  5. अभिमानी व्यक्ति हमेशा दूसरों को शिक्षा देते रहते हैं जबकि स्वाभिमानी व्यक्ति दूसरों के अच्छे गुणों की प्रशंसा करतें हैं।

इस प्रकार अभिमानी व्यक्ति और स्वाभिमानी व्यक्ति में आप फर्क कर सकते है।

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आज हम आर्टिकल के माध्यम से बताएंगे कि अभिमान और स्वाभिमान में क्या फर्क है।आपने देखा होगा कि जो व्यक्ति अभिमानी होता है वह हमेशा हेकड़ी भाषा का प्रयोग करता है जबकि स्वाभिमानी व्यक्ति हमेशा विनम्र भाषा का प्रयोग करता है।यदि महत्व दिया जाए तो अभिमानी दूसरों को लघु समझने लगता है। और स्वाभिमानी अपने कार्य को महत्वता को समझ कर उसकी उपयोगिता का मूल्य जानता है।स्वाभिमान हमारे अपने विश्वास को जाग्रत करता है। हमें जीवन मूल्यों के प्रति, अपने देश के प्रति, अपनी संस्कृति, अपने समाज और अपने कुल के प्रति स्वाभिमानी बनने की प्रेरणा देता है।अभिमानी व्यक्ति हमेशा दूसरों को शिक्षा देते रहते हैं जबकि स्वाभिमानी व्यक्ति दूसरों के अच्छे गुणों की प्रशंसा करतें हैं।अभिमानी सदैव अपनी कार्यों की सफलता को गिनता है।वह अधिकतर भूतकाल में जीता है जबकि स्वाभिमानी सीख लेकर अधिक उत्साही होकर नई योजनाओं को क्रियान्वित करता है।स्वाभिमानी दूसरे लोगों को प्रभावित करने की चेष्टा नहीं करते जबकि अभिमानी लगातार दूसरे लोगों को प्रभावित करने की चेष्टा करते हैं।Letsdiskuss


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