जिस रफ्तार से बेंगलुरु में सड़कों पर गाड़ियां दौड़ रही हैं,उसको देख कर तो ऐसा लग रहा है की ये शहर 2030 तक रहने लायक नहीं रहेगा | "इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस" के एक विशेषण के अनुसार, अगर बेंगलुरु के ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट ने कोई सख्त कदम नहीं उठाया तो ये शहर बर्बाद होने की कगार पर पहुंच जाएगा |
मुख्य परेशानी इस शहर में हर रोज होने वाले व्हीकल रजिस्ट्रेशन की बढ़ती संख्या को माना गया है | इंस्टीट्यूट का कहना है की "अगर हर रोज गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन इस तरह बढ़ता रहा है तो हर रोज गैस उत्सर्जन और कार्बन डाई ऑक्साइड की मात्रा बढ़ती जाएगी " जिससे मानव जीवन संभव नहीं हो सकेगा |
निरक्षण के मुताबिक, शहर में हर रोज 2,000 हजार नई गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन होता है, जिनमें अधिकतर कार,बाइक और स्कूटर होते हैं | अब इससे फैलने वाले प्रदूषण में अगर शहरीकरण और जनसंख्या की समस्या को भी जोड़ दी जाए तो ये काफी खतरनाक स्थिति हो जाएगी |