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| पोस्ट किया | शिक्षा


भारत देश में लगभग कितने गांव, कितनी तहसील एवं कितने जिले हैं?


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university.nakul@gmail.com | पोस्ट किया


भारत, एक विशाल और विविधता से भरा देश, अपनी प्रशासनिक संरचना के लिए प्रसिद्ध है, जो कई स्तरों पर विभाजित है। यह संरचना गांवों, तहसीलों, और जिलों जैसे विभिन्न प्रशासनिक इकाइयों को शामिल करती है, जो देश के सुचारू शासन और विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं। इस लेख में, हम भारत में गांवों, तहसीलों, और जिलों की अनुमानित संख्या पर विस्तृत जानकारी प्रदान करेंगे, जो नवीनतम उपलब्ध आंकड़ों और विश्वसनीय स्रोतों पर आधारित है।

 

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भारत में गांवों की संख्या

भारत को अक्सर "गांवों का देश" कहा जाता है, क्योंकि इसकी अधिकांश आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है। गांव भारत की सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक संरचना का आधार हैं। 2011 की जनगणना के अनुसार, भारत में कुल 649,481 गांव थे। इसके बाद, 2019 तक, यह संख्या बढ़कर 664,369 हो गई, जैसा कि ओपन स्ट्रीट मैप और अन्य स्रोतों द्वारा उद्धृत किया गया है। यह वृद्धि नई बस्तियों के गठन, प्रशासनिक पुनर्गठन, और जनसंख्या वृद्धि के कारण हुई। हालांकि, 2025 तक की नवीनतम जनगणना का डेटा अभी उपलब्ध नहीं है, लेकिन अनुमान है कि गांवों की संख्या में मामूली वृद्धि हुई होगी, संभवतः 6.6 लाख से 6.7 लाख के बीच।

 

गांव भारत की सबसे छोटी प्रशासनिक इकाई हैं और इन्हें ग्राम पंचायतों द्वारा शासित किया जाता है। प्रत्येक ग्राम पंचायत में एक बड़ा गांव या कई छोटे गांव शामिल हो सकते हैं, जिनकी जनसंख्या आमतौर पर 500 से अधिक होती है। ये गांव ग्रामीण विकास, स्वच्छ जल, शिक्षा, और अन्य सरकारी योजनाओं के लिए महत्वपूर्ण इकाइयां हैं।

 

भारत में तहसीलों की संख्या

तहसील (या तालुका, मंडल, सर्कल जैसे अन्य नामों से जाना जाता है) जिले के नीचे की प्रशासनिक इकाई है, जो मुख्य रूप से भूमि और राजस्व प्रशासन के लिए जिम्मेदार होती है। तहसीलें गांवों और शहरों को जोड़ने वाली महत्वपूर्ण कड़ी हैं। 2011 की जनगणना के अनुसार, भारत में कुल 5,564 तहसीलें थीं। 2023 तक, ओपन स्ट्रीट मैप के अनुसार, यह संख्या बढ़कर 6,562 हो गई। यह वृद्धि नए जिलों और तहसीलों के गठन के कारण हुई, जो प्रशासनिक दक्षता और स्थानीय शासन को बेहतर बनाने के लिए किया गया।

 

2025 तक, तहसीलों की संख्या में और वृद्धि होने की संभावना है, क्योंकि कई राज्यों ने नए प्रशासनिक विभाजन किए हैं। अनुमान है कि वर्तमान में भारत में 6,600 से 7,000 तहसीलें हो सकती हैं। तहसील का नेतृत्व तहसीलदार या ममलतदार जैसे अधिकारियों द्वारा किया जाता है, जो भूमि रिकॉर्ड, कर संग्रह, और स्थानीय प्रशासन के लिए जिम्मेदार होते हैं। विभिन्न राज्यों में तहसीलों के लिए अलग-अलग नाम प्रचलित हैं, जैसे उत्तर भारत में "तहसील" और दक्षिण भारत में "तालुका"।

 

भारत में जिलों की संख्या

जिला भारत की प्रशासनिक संरचना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो राज्यों और तहसीलों के बीच मध्यवर्ती स्तर पर कार्य करता है। जिले राजस्व संग्रह, कानून व्यवस्था, और विकास योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए जिम्मेदार होते हैं। 27 मार्च 2025 तक, विकिपीडिया के अनुसार, भारत में कुल 780 जिले हैं। इसमें माहे और यनम जैसे जनगणना जिले और महाकुंभ मेला जैसे अस्थायी जिले शामिल हैं, लेकिन ईटानगर कैपिटल कॉम्प्लेक्स जैसे क्षेत्र, जो आधिकारिक जिले नहीं हैं, को बाहर रखा गया है।

 

2011 की जनगणना में 640 जिलों की तुलना में यह संख्या काफी बढ़ी है, जो नए जिलों के गठन को दर्शाता है। उदाहरण के लिए, उत्तर प्रदेश, बिहार, और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों ने हाल के वर्षों में कई नए जिले बनाए हैं। प्रत्येक जिले का नेतृत्व जिला मजिस्ट्रेट या कलेक्टर (भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी) और पुलिस अधीक्षक (भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी) जैसे अधिकारियों द्वारा किया जाता है।

 

प्रशासनिक संरचना का अवलोकन


भारत की प्रशासनिक संरचना को निम्नलिखित स्तरों में समझा जा सकता है:

  1. राज्य और केंद्र शासित प्रदेश: भारत में 28 राज्य और 8 केंद्र शासित प्रदेश हैं।
  2. जिले: प्रत्येक राज्य को कई जिलों में विभाजित किया गया है, जिनकी कुल संख्या 780 है।
  3. तहसील/उप-जिला: जिले तहसीलों में विभाजित हैं, जिनकी संख्या लगभग 6,600-7,000 है।
  4. गांव: तहसीलें गांवों को कवर करती हैं, जिनकी कुल संख्या लगभग 6.6-6.7 लाख है।

 

यह संरचना ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में अलग-अलग रूप लेती है। ग्रामीण क्षेत्रों में गांव और ब्लॉक (पंचायत संघ) प्रमुख हैं, जबकि शहरी क्षेत्रों में नगर निगम और अन्य स्थानीय निकाय कार्य करते हैं।

 

चुनौतियां और भविष्य

गांवों, तहसीलों, और जिलों की बढ़ती संख्या प्रशासनिक दक्षता को बेहतर बनाने में सहायक है, लेकिन यह कुछ चुनौतियां भी लाती है। नए जिलों और तहसीलों के गठन से संसाधनों का विभाजन, प्रशासनिक लागत में वृद्धि, और समन्वय की आवश्यकता बढ़ती है। इसके अलावा, ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे, शिक्षा, और स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच अभी भी एक चुनौती है।

 

भविष्य में, डिजिटल तकनीक और ई-गवर्नेंस भारत की प्रशासनिक प्रणाली को और सुदृढ़ कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, स्थान कोड निर्देशिका (लोकेशन कोड डायरेक्टरी) जैसे उपकरण गांवों, तहसीलों, और जिलों के डेटा को एकीकृत करने में मदद कर रहे हैं।

 

निष्कर्ष

2025 तक, भारत में अनुमानित 6.6-6.7 लाख गांव, 6,600-7,000 तहसीलें, और 780 जिले हैं। ये आंकड़े भारत की जटिल और गतिशील प्रशासनिक संरचना को दर्शाते हैं, जो देश की विविधता और विकास की जरूरतों को पूरा करने के लिए लगातार विकसित हो रही है। इन प्रशासनिक इकाइयों का महत्व ग्रामीण विकास, कानून व्यवस्था, और समावेशी विकास को सुनिश्चित करने में है। अधिक जानकारी के लिए, भारत की जनगणना वेबसाइट (censusindia.gov.in) और ओपन गवर्नमेंट डेटा पोर्टल (data.gov.in) जैसे स्रोत उपयोगी हो सकते हैं।

 


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