अरपिंदर सिंह भारतीय ट्रिपल जम्प खिलाड़ी हैं | उन्होंने हाल ही में Asian Games में ट्रिपल जम्प में स्वर्ण पदक जीता है | भारत Asian Games में बहुत से पदक जीता है परन्तु यह पदक क्या महत्व रखता है और क्यों रखता है इसका शायद आपको अंदाजा भी नहीं होगा |
अरपिंदर सिंह द्वारा बुधवार के दिन ट्रिपल जम्प में 16 .77 m की जम्प करके भारत के लिए 48 वर्षो बाद Asian games में इस खेल कि श्रेणी में पदक जीता गया है | जी हाँ, आपने सही सुना, 48 वर्ष | 48 वर्ष के इंतज़ार को खत्म करने वाली अरपिंदर की यह जीत किसी चमत्कार से काम नहीं है | एक तरफ जहाँ देश की आधी आबादी को इंग्लैंड बनाम भारत के मैच की चिंता से फुर्सत नहीं थी, वहीं दूसरी और अरपिंदर कि इस जीत ने सभी का ध्यान अपनी और खींच लिया |
यह जीत जितनी भारत के लिए महत्व रखती है उससे कही ज्यादा यह खुद अरपिंदर के लिए महत्व रखती है और इसका कारण भी चौकाने वाला है | अरपिंदर ने अपना पिछला अंतराष्ट्रीय पदक 2014 के कमनवैल्थ खेलो में जीता था | अरपिंदर द्वारा 2014 के कमनवैल्थ खेलो में ट्रिपल जम्प में कांस्य पदक अपने नाम किया गया था कर अब 4 साल बाद उन्होंने स्वर्ण पदक जीत कर उनपर उठने वाली सभी उंगलियों को नीचे कर दिया है |
यह अरपिंदर का आत्मविश्वास और उनके खेल में उनकी लगन ही थी जिसने उन्हें इस मुकाम पर पहुंचाया है | भारत जैसे देश में ट्रिपल जम्प जैसे खलों का नाम भी लोग केवल अंतराष्ट्रीय खेलो में सुनते हैं, इन खेलो में लाखों की संख्या में लोग नहीं होते जो आपके लिए दुआ मांग रहे हो या आपको प्रोत्साहन दे रहें हो | ऐसी स्थिति में भी अरपिंदर सिंह द्वारा स्वर्ण पदक भारत लाना हर दृष्टि से महत्वपूर्ण व ख़ास है |