Astrology

शाम को दिया कितने बजे जलाना चाहिए?

M

| Updated on July 26, 2024 | astrology

शाम को दिया कितने बजे जलाना चाहिए?

2 Answers
873 views
logo

@preetipatel2612 | Posted on May 28, 2024

आप अपने घरों में पूजा पाठ व त्योहारों के समय दीपक तो जलते ही होंगे लेकिन कई बार अनजाने में गलतियां हो जाते हैं जिससे के घर में बुरा प्रभाव पड़ता है इसीलिए हमको दीपक जलाने के नियमों को जानना चाहिए धर्म ग्रंथ में दिया जलाना बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है क्योंकि इसमें देवी देवताओं का वास होता है

दीपक प्रकाश का ज्ञान होता है क्योंकि यह हमें अंधकार से उजाले की ओर ले जाती है इसी कारण शास्त्रों में सुबह शाम घर पर दिए जलाने के लिए कहां गया है और ऐसे करने से हमारी सारी परेशानियां दूर हो जाती हैं जिस घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है और घर में सुख समृद्धि बनी रहती हैं इसीलिए हमें दीपक जलाते समय कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए 

 

Loading image...

 

कहां रखे दीपक - ज्योतिष शास्त्र मैं कहां गया है कि दीपक जलाना ही पर्याप्त नहीं है बल्कि उसे किस जगह पर रखना है यह जानना भी बहुत जरूरी होता है इसीलिए दीपक को हमेशा भगवान के सामने ही जलाना चाहिए और घर में घी का दीपक जलाना बहुत ही शुभ माना जाता है 

 

कैसी होनी चाहिए बाती - बहुत से लोग दीपक में एक ही बातें का इस्तेमाल करते हैं लेकिन हमें घी और तेल की अलग-अलग बाती जलाना चाहिए क्योकि ऐसा करना बहुत ही शुभ माना जाता है 

Loading image...

 

किस दिशा में दीपक जलाये - ऐसे बहुत लोग होते हैं जो घर के कोने में दीपक जलते हैं लेकिन हमें ध्यान रखना चाहिए कि दीपक को पश्चिम दिशा में नहीं जलाना चाहिए क्योंकि इससे हमारे घर में बुरा प्रभाव पड़ सकता है इसीलिए हमें दीपक को घर के मुख्य द्वार पर जलाना चाहिए 

किस समय दीपक जलाऐ - कुछ लोग ऐसे होते हैं जब उनका मन करता जब दिया जलाते हैं लेकिन ऐसा करने से हमें नुकसान हो सकता है इसीलिए हमें सुबह 5:00 बजे से 10 बजे तक दीपक जलाना चाहिए और शाम को 5 से 7 बजे तक दीपक चलाना शुभ माना जाता है

0 Comments
logo

@abhishekgaur6728 | Posted on July 26, 2024

दीपक प्रज्वलन का समय: एक व्यापक मार्गदर्शिका

भारतीय संस्कृति में दीपक या दिया जलाना एक महत्वपूर्ण आध्यात्मिक और सांस्कृतिक प्रथा है। यह न केवल प्रकाश प्रदान करता है, बल्कि सकारात्मक ऊर्जा और दैवीय कृपा को भी आमंत्रित करता है। हालांकि, दिया जलाने का सही समय कई कारकों पर निर्भर करता है। आइए इस विषय पर विस्तार से चर्चा करें।

Loading image...

 

पारंपरिक दृष्टिकोण:

हिंदू धर्म के अनुसार, शाम को गोधूलि वेला (गायों के घर लौटने का समय) सबसे शुभ माना जाता है। यह समय सूर्यास्त से लगभग 40 मिनट पहले शुरू होता है और सूर्यास्त के 40 मिनट बाद तक चलता है। इस अवधि में दिया जलाना विशेष रूप से शुभ माना जाता है।

ज्योतिषीय महत्व:

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, संध्या काल (शाम का समय) ब्रह्म मुहूर्त के समान ही शक्तिशाली होता है। यह समय सूर्यास्त से 24 मिनट पहले शुरू होता है और सूर्यास्त के 24 मिनट बाद तक चलता है। इस समय दिया जलाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

मौसम का प्रभाव:

वर्ष के विभिन्न मौसमों में सूर्यास्त का समय बदलता रहता है। गर्मियों में सूर्यास्त देर से होता है, जबकि सर्दियों में जल्दी। इसलिए, दिया जलाने का समय भी तदनुसार बदल सकता है। सामान्यतः, यह सलाह दी जाती है कि दिया सूर्यास्त से 10-15 मिनट पहले जला दिया जाए।

व्यावहारिक पहलू:

आधुनिक जीवनशैली में, कई लोग काम से देर से घर लौटते हैं। ऐसी स्थिति में, घर पहुंचते ही दिया जलाना उचित है। यह महत्वपूर्ण है कि दिया जलाने की प्रथा को नियमित रूप से पालन किया जाए, भले ही समय थोड़ा देर से हो।

विशेष अवसर और त्योहार:

कुछ विशेष अवसरों और त्योहारों पर दिया जलाने का समय अलग हो सकता है। उदाहरण के लिए:

- दीपावली: इस दिन पूरी रात दीपक जलाए जाते हैं।

- करवा चौथ: इस दिन चंद्रोदय के समय दिया जलाया जाता है।

- छठ पूजा: सूर्योदय और सूर्यास्त दोनों समय दीपक जलाए जाते हैं।

वास्तु शास्त्र का दृष्टिकोण:

वास्तु शास्त्र के अनुसार, दिया जलाने का स्थान भी महत्वपूर्ण है। आमतौर पर, घर के पूर्वी या उत्तर-पूर्वी कोने में दिया जलाना शुभ माना जाता है। यह ध्यान रखना चाहिए कि दिया ऐसी जगह पर जलाएं जहां हवा का झोंका न लगे।

Loading image...

 

आयुर्वेदिक महत्व:

आयुर्वेद के अनुसार, शाम के समय वातावरण में नकारात्मक ऊर्जा बढ़ जाती है। दिया जलाने से यह नकारात्मक ऊर्जा कम होती है और घर का वातावरण शुद्ध होता है। इसलिए, सूर्यास्त के समय दिया जलाना स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक माना जाता है।

मनोवैज्ञानिक प्रभाव:

शाम को दिया जलाने से मन को शांति मिलती है। यह दिन भर की थकान को दूर करने और तनाव कम करने में मदद करता है। इसलिए, काम से लौटने के बाद तुरंत दिया जलाना एक अच्छी आदत हो सकती है।

पर्यावरण संबंधी विचार:

आजकल, पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से, कई लोग तेल के दीपक के बजाय बिजली के दीये या एलईडी लाइट्स का उपयोग करते हैं। ऐसी स्थिति में, ये लाइट्स सूर्यास्त के समय या उसके आसपास जलाई जा सकती हैं।

आध्यात्मिक अभ्यास:

कई आध्यात्मिक गुरु सलाह देते हैं कि दिया जलाते समय कुछ क्षण शांत रहकर ध्यान करना चाहिए। यह समय आत्मचिंतन और प्रार्थना के लिए उपयुक्त होता है।

पारिवारिक परंपरा:
कुछ परिवारों में दिया जलाने की अपनी विशेष परंपराएं होती हैं। कुछ लोग सुबह और शाम दोनों समय दिया जलाते हैं, जबकि कुछ केवल शाम को। यह महत्वपूर्ण है कि परिवार की परंपराओं का सम्मान किया जाए।

ऋतुओं का प्रभाव:

विभिन्न ऋतुओं में दिया जलाने का समय थोड़ा अलग हो सकता है। गर्मियों में जब दिन लंबे होते हैं, दिया जलाने का समय थोड़ा देर से हो सकता है। वहीं सर्दियों में जब दिन छोटे होते हैं, दिया जल्दी जलाया जा सकता है।

स्थानीय परंपराएं:

भारत के विभिन्न क्षेत्रों में दिया जलाने की अलग-अलग परंपराएं हो सकती हैं। कुछ स्थानों पर लोग सूर्यास्त के ठीक समय दिया जलाते हैं, जबकि अन्य जगहों पर यह थोड़ा पहले या बाद में किया जा सकता है।

व्यक्तिगत सुविधा:

अंत में, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि दिया जलाना एक व्यक्तिगत और आध्यात्मिक अभ्यास है। इसलिए, अपनी दिनचर्या और सुविधा के अनुसार एक निश्चित समय चुनना और उसका पालन करना सबसे अच्छा है।

निष्कर्ष:

दिया जलाने का सही समय व्यक्तिगत विश्वासों, परंपराओं और व्यावहारिक परिस्थितियों पर निर्भर करता है। हालांकि, सामान्य नियम के रूप में, सूर्यास्त के आसपास का समय सबसे उपयुक्त माना जाता है।

यह महत्वपूर्ण है कि इस प्रथा को श्रद्धा और नियमितता के साथ पालन किया जाए, क्योंकि यह न केवल आध्यात्मिक लाभ प्रदान करती है, बल्कि मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा भी लाती है। चाहे आप पारंपरिक तेल का दीपक जलाएं या आधुनिक एलईडी लाइट का उपयोग करें, दिया जलाने की प्रथा आपके जीवन में प्रकाश और आशा का संचार करेगी।

 

0 Comments