केरल में बारिश इस वर्ष अपने साथ तबाही लेकर आयी है। 8 अगस्त से राज्य में उथल-पुथल का माहौल है,लोग जगह जगह फंसे हुए हैं, घर नष्ट हो गए हैं, और राहत शिविरों में राज्य के अन्य हिस्सों की ही तरह बाढ़ का पानी बुरी तरह घुस चुका है |
आधे से ज्यादा केरल जलाशयों और नदियों में बारिश के कारण इकठ्ठा हुए पानी के साथ बह गया है | नवीनतम रिपोर्टों के मुताबिक आपदा ने 54,000 लोगों को बेघर और 40 से ज़्यादा लोगो को मृत्यु के घाट उतार दिया है |
पेरियार नदी में पानी का स्तर अत्यधिक बढ़ने से सेना को बचाव मिशनों में नियोजित किया गया, और उनके द्वारा पुलों के निर्माण से लोगो को बचाने का कार्य किया गया | दक्षिणी हिस्सों में भी भारतीय नौसेना को बाढ़ के कारण सतर्क कर दिया गया था। अभी केरल के 8 जिलों में Red alert चेतावनी ज़ारी हो रखी है।
बाढ़ अपने साथ भूस्खलन भी लाई है जिससे केरल के विभिन्न उत्तरी और मध्य जिलों में भी बड़ा विनाश हो रहा है। बाढ़ पीड़ितों में केवल केरल के निवासी ही नहीं हैं, बल्कि कई पर्यटक और विदेशी भी हैं। TOI ने 50 पर्यटकों और 24 विदेशियों के बचाव की रिपोर्ट की जो प्लम जूडी रिज़ॉर्ट में 3 दिनों के लिए फंसे हुए थे।
भारत सरकार ने आपदा प्रबंधन टीमों के साथ राज्य को अधिक से अधिक राहत शिविर बनाने और पीड़ितों की सहायता करने में मदद की है। सौभाग्य से कोचीन हवाई अड्डे की सेवाएं प्रभावित नहीं हुई हैं।
हम केवल केरल बाढ़ पीड़ितों के सही सलामत होने की दुआएं कर सकते हैं और साथ ही यह उम्मीद भी कि सबकुछ सरकार के नियंत्रण में रहे।
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