(BBA) in Sports Management | पोस्ट किया | ज्योतिष
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यदि हम भगवान विष्णु के अवतारों की बात करें तो सभी के मस्तिष्क में सर्वप्रथम जो अवतार आता है वह है भगवान श्री कृष्ण का , परन्तु भगवान विष्णु के ऐसे बहुत से अवतार ओर भी हैं जिन्होंने हर युग में बुराई का नाश करने के लिए जन्म लिया | आइये आज हम भगवान विष्णु के तीन अवतारों के विषय में जाने |
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कहते हैं कि जब जब पृथ्वी पर कोई संकट आता है तो भगवान विष्णु और भगवान शिव किसी ना किसी रूप में अवतार लेते हैं और पृथ्वी से संकट को दूर कर देते है। यहां पर आज हम चर्चा करते हैं भगवान विष्णु के कितने अवतार हैं और उन्होंने पृथ्वी में कौन कौन से अवतार ले चुके हैं। भगवान विष्णु के 24 अवतार है जिनमें से उन्होंने पृथ्वी पर 23 अवतार ले चुके हैं। कहा जाता है कि अब भगवान विष्णु कलयुग में अपना 24वे अवतार कल्कि अवतार में पृथ्वी पर उनका आना सुनिश्चित है। वैसे तो भगवान विष्णु के 24 अवतार हैं लेकिन इन 24 अवतार में से भगवान विष्णु के 10 अवतार को मुख्य अवतार माने गए हैं। पहला अवतार है मत्स्य अवतार, कूर्म अवतार, नृसिंह अवतार, परशुराम अवतार, राम अवतार, विष्णु अवतार, कृष्णा अवतार, वामन अवतार, कल्कि अवतार, बुद्ध अवतार, वराह अवतार आदि है।
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क्या आप जानते हैं भगवान विष्णु के कितने अवतार हैं नहीं जानते होंगे तो आज मैं आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताती हूं कि भगवान विष्णु के कितने अवतार हैं।जब-जब पृथ्वी पर कोई संकट आता है तो भगवान अवतार लेकर उस संकट को दूर करते हैं। भगवान शिव और भगवान विष्णु ने कई बार पृथ्वी पर अवतार लिया है। भगवान विष्णु के 24 वें अवतार के बारे में कहा जाता है कि‘कल्कि अवतार’के रूप में उनका आना सुनिश्चित है।
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हम आज आपको बताएंगे कि भगवान विष्णु जी के कितने अवतार हैं और उन्होंने अब तक कितने अवतार पृथ्वी पर ले चुके हैं इसके बारे में पूरी जानकारी देंगे। पुराणों में बताया गया कि भगवान विष्णु जी के 24 अवतार हैं। जिनमें से उन्होंने पृथ्वी पर 23 अवतार ले चुके हैं और 24वां अवतार लेना बाकी है। जब जब पृथ्वी पर कोई संकट आता है तो भगवान किसी न किसी रूप में अवतरित होते हैं और पृथ्वी के संकट को दूर करते हैं कहते हैं कि भगवान विष्णु जी अब पृथ्वी पर अपना 24 अवतार अवतरित करने वाले हैं कल्कि के रूप में, कल्कि अवतार कलियुग व सतयुग के संधिकाल में होगा। यह अवतार 64 कलाओं से युक्त होगा। पुराणों के अनुसार उत्तरप्रदेश के मुरादाबाद जिले के शंभल नामक स्थान पर विष्णुयशा नामक तपस्वी ब्राह्मण के घर भगवान कल्कि पुत्र रूप में जन्म लेंगे।
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दोस्तों आप सभी जानते हैं कि इस ब्रह्मांड के निर्माण में तीन देवताओं का प्रमुख योगदान है ब्रह्मा, विष्णु,महेश है आज इस पोस्ट में हम आपको भगवान विष्णु के अवतार के बारे में बताएंगे। जब कभी भी पृथ्वी पर संकट आया है तो भगवान किसी न किसी रूप में पृथ्वी पर अवतरित हुई है और पृथ्वी को संकट से बचाया है। भगवान विष्णु ने भी पृथ्वी पर कई बार अवतार लिया है। भगवान विष्णु के 24 अवतार माने गए हैं जिसमें से उन्होंने 23 अवतार पृथ्वी पर ले चुके है लेकिन अभी एक और अवतार होना बाकी है। और वह अवतार कल्कि की अवतार रूप में सुनिश्चित किया गया है। उन्होंने पहला अवतारसनक, सनन्दन, सनातन और सनत्कुमार नाम के चार मुनियों के रूप में लिया था। और अवतार मत्स्य अवतार, कूर्म अवतार, वराह अवतार, नृसिंह अवतार, वामन अवतार, परशुराम अवतार, राम अवतार. कृष्ण अवतार, बुद्ध अवतार, कल्कि अवतार यह सारे अवतार विष्णु जी के मुख्य अवतार हैं।
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दोस्तों चलिए हम आपको बताते हैं, हमारे भगवान विष्णु के 24 अवतारों के बारे में। भगवान विष्णु के 24 अवतार होते हैं जिसमें से 23 अवतार भगवान विष्णु ले चुके हैं। लेकिन इन 24 अवतारों में से भगवान विष्णु के 10 अवतारों को मुख्य अवतार माने गए हैं। पहला अवतार मत्स्य का अवतार, कूर्म अवतार, नृत्यसिंह अवतार,परशुराम अवतार, राम अवतार, विष्णु अवतार, कृष्ण अवतार,वामन अवतार, कलकी अवतार,बुद्ध अवतार,वराह अवतार,आदि हैं भगवान विष्णु ने ऋषभदेव के रूप में आठवां अवतार लिया था। धर्म ग्रंथो के अनुसार महाराजा नाभि को कोई संतान नहीं थी। इस कारण उन्होंने अपनी धर्म पत्नी मेरुदेवी के साथ पुत्र की कामना से यज्ञ किया। भगवान विष्णु ने पांचवा अवतार कपिल मुनि के रूप में लिया था। इनके पिता का नाम महर्षि कर्दम तावा माता का नाम देवहूति था। कपिल मुनि भगवान धर्म के प्रमुख वारह आचार्य में से एक है। विष्णु और भगवान शिव किसी न किसी रूप में अवतार लेते हैं।
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भगवान विष्णु हिंदू धर्म के तीन मुख्य देवताओं में से एक हैं। वे सृष्टि के पालनहार के रूप में जाने जाते हैं। भगवान विष्णु के 24 अवतार हैं, जो उन्होंने विभिन्न युगों में पृथ्वी पर विभिन्न उद्देश्यों के लिए लिए हैं।
सृष्टि की रचना करने के लिए ब्रह्मा ने घोर तपस्या की। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान विष्णु ने सनक, सनन्दन, सनातन और सनत्कुमार नाम के चार मुनियों के रूप में अवतार लिया। ये चारों भगवान विष्णु के प्रथम अवतार माने जाते हैं।
हिरण्याक्ष नामक दैत्य ने पृथ्वी को समुद्र में छिपा दिया था। पृथ्वी को बचाने के लिए भगवान विष्णु ने वराह अवतार लिया। भगवान विष्णु ने वराह रूप में समुद्र में प्रवेश किया और हिरण्याक्ष का वध कर पृथ्वी को बचाया।
देवर्षि नारद भगवान विष्णु के अवतार हैं। उन्होंने भगवान विष्णु की आज्ञानुसार सृष्टि में धर्म का प्रचार किया।
भगवान विष्णु ने नर-नारायण के रूप में अवतार लिया। इस अवतार में वे धर्म की रक्षा के लिए सतयुग में प्रकट हुए थे।
भगवान विष्णु ने कपिल मुनि के रूप में अवतार लिया। इस अवतार में उन्होंने असुरों का वध किया और सृष्टि को धर्म की राह पर लाया।
भगवान विष्णु ने वामन अवतार लिया। इस अवतार में उन्होंने राजा बलि से तीन पग भूमि की मांग की। बलि ने वामन को तीन पग भूमि देने का वचन दिया। वामन ने पहले दो पग में आकाश और पृथ्वी को नाप लिया। तीसरे पग के लिए उन्होंने बलि से अपना सिर मांगा। बलि ने अपना सिर भगवान विष्णु को दे दिया। इससे बलि पाताल लोक में चले गए और भगवान विष्णु ने पृथ्वी पर धर्म की स्थापना की।
भगवान विष्णु ने ऋषभदेव के रूप में अवतार लिया। इस अवतार में उन्होंने धर्म का प्रचार किया और प्रजा को सुखी किया।
भगवान विष्णु ने श्रीराम के रूप में अवतार लिया। इस अवतार में उन्होंने रावण का वध कर धर्म की स्थापना की।
भगवान विष्णु के सभी अवतारों का उद्देश्य पृथ्वी पर धर्म की स्थापना और अधर्म का नाश करना था। भगवान विष्णु के 24वें अवतार कल्कि अवतार के बारे में कहा जाता है कि वे कलयुग के अंत में अवतार लेंगे और धर्म की पुनर्स्थापना करेंगे।
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