कॉर्पोरेट दुनिया में आय में असमानता किसी से छिपी नहीं है। जबकि कहानियां दुनिया भर में समान हैं, फिर भी भारत में हालात बहुत खराब हैं। (आश्चर्यचकित?) एक ऐसे देश में जहाँ "हाई पेपर क्वालीफिकेशन" और तलवे चाटने वालो की संख्या में बढ़ोतरी हो रही हैं वहीं कड़ी मेहनत करने वाले मूंगफली के गुच्छे के समान आय अर्जित कर रहें हैं अर्थात पैसे कमा रहें हैं | जब बात आय में असमानता की आती है तो आप कुछ अधिक उम्मीद नहीं कर सकते |
इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इंडिया INC के शीर्ष 100 वरिष्ठ कॉर्पोरेट अधिकारी औसतन, अन्य कर्मचारियों के औसत वेतन से 243 गुना अधिक कमाते हैं। जी हाँ, आपने सही पढ़ा |
इसलिए, यदि आप 20,000 रुपये कमा रहे हैं (जो भारत में कमाना शोषण की नीतियों के चलते बहुत ही मुश्किल है ), इस आंकड़ों के मुताबिक आपके मालिक 48,60,000 रुपये कमा रहें है। यह सत्य है कि आपका मालिक या बॉस टॉप 100 अधिकारियों में से एक नहीं है, लेकिन यह खोज भारत में आय के अंतर के बारे में एक उचित प्रमाण देती है। यह असमानता भारतीय उद्योगों में फैले बड़े और छोटे व्यवसायों का सच है।
फाइनेंशियल ईयर 2017 के सबसे ज्यादा धन अर्जित करने वाला भारतीय कॉर्पोरेट एक्सक्यूटिव Tech Mahindra के मैनेजिंग डायरेक्टर सी. पी. गुरनानी हैं जो 150 करोड़ रुपये घर ले गए अर्थात कमाए ।Reliance Industry के कार्यकारी निदेशक निखिल और हिटल मेसवानी ने वित्त वर्ष 17 में 80.76 करोड़ रुपये का अधिग्रहण किया।
इस श्रेणी में अगले 3 हैं:
पवन मुंजाल (Hero MotoCorp के अध्यक्ष / सीईओ) - 59.66 करोड़ रुपये
देश बंधु (Dead Now , ल्यूपिन में पूर्व अध्यक्ष / संस्थापक) - Ts 47.66 करोड़
हरि बंगूर (Shri Cement में प्रबंध निदेशक) - 38.22 करोड़ रुपये
पिछले वित्तीय वर्ष में भारतीय टॉप कंपनी के बहुत से सधिकारिओ ने वार्षिक 10 करोड़ से ज़्यादा का धन कमाया,और ऐसा प्रतीत होता है कि समय के साथ साथ उनके धन में भी वृद्धि ही होगी |
जी हाँ, यह सुनकर अब आप शोक मना सकते हैं।
अगर केवल कोई इन्हे सुनता तो शायद भारत में आय असमानता ठीक करने के लिए प्रेरित होता
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Translated from English by Team Letsdiskuss