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महात्मा गाँधी का नाम कौन नहीं जानता | महात्मा गाँधी को "फादर ऑफ़ नेशन" अर्थात राष्ट्रीय पिता कहा जाता है | गाँधी जी आज जीवित नहीं परन्तु उनका नाम आज भी लोगों को याद है | उनको आज भी लोग जानते हैं, और उनके जीवित न होने पर भी उनके बिना किसी का काम नहीं चलता | उनके बिना किसी का काम इसलिए नहीं चलता क्योकि उनका चित्र भारतीय मुद्रा पर अंकित है, और मुद्रा के बिना किसी का काम कैसे चल सकता है |
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हर देश की अपनी ही करेंसी है और उन पर तस्वीर भी अलग है| नोटों पर छपी तस्वीर से ज्ञात होता है कि वह कौन से देश की करेंसी है| इसी कड़ी में अगर भारतीय नोटों की बात की जाये तो, इन नोटों पर महात्मा गाँधीजी की तस्वीर छपी है जो कि वर्ष 1996 में पूर्ण रूप से चलन में आई| इससे पहले अशोक स्तंभ छपता था पर बाद में जब गाँधीजी की तस्वीर छपने लगी तो अशोक स्तंभ की फोटो को बायें तरफ निचले हिस्से पर अंकित कर दी गयी|
सौजन्य: रेडिफ.कॉम
नोटों पर गांधीजी की तस्वीर ही क्यों? इस के निम्नलिखित कारण हो सकतें हैं :-
राष्ट्रपिता:- महात्मा गांधीजी को राष्ट्रपिता द्वारा सम्मानित किया जाता है| किसी अन्य सेनानी की अगर तस्वीर छापी जाती तो भारत के अन्य राज्य के लोग इस बात का विरोध करना शुरू कर देते क्योंकि सभी सेनानी किसी न किसी रूप में अपने राज्य को सम्बोधित करते थे पर गांधीजी को उस समय राष्ट्र के प्रतीक के रूप में समझा जाता था|
सिफारिश के चलते :- भारतीय रिज़र्व बैंक ने आर टी आई के माध्यम से बताया कि वर्ष 1993 के दौरान रिज़र्व बैंक ने नोट की दाहिनी तरफ महात्मा गांधीजी की तस्वीर छापने की सिफारिश केंद्र सरकार से की थी |
https://hindi.news18.com/news/business/origin-of-gandhis-image-on-currency-note-1075645.html
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