सर्दियों का मौसम तो सभी को पसंद आता है लेकिन लेकिन सर्दियों में अक्सर देखा जाता है कई चीज़ें सिकुड़ने लगती है, जैसे की पानी का पाइप इसलिए मन में बार - बार यह सवाल आता है कि ऐसा क्यों होता है | ऐसे में ये जानना जरुरी है कि ज्यादा ठंड पड़ने पर पानी के पाइप क्यों फट जाते हैं।
(courtesy-YouTube)
सर्दियों में पानी के पाइप इसलिए फट जाते है क्योंकि जब पानी के ठोस, द्रव और गैस तीनों ही रुपों को हम अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में देखते भी हैं और इस्तेमाल भी करते हैं और पानी द्रव अवस्था में भी पाया जाता है लेकिन इसके कई गुण बाकी द्रवों से थोड़े अलग होते हैं इसीलिए जब किसी द्रव यानी तरल पदार्थ के अणु ठंडे होते हैं तो उनकी गति धीमी हो जाती है। ऐसा होने पर अणुओं को एक दूसरे के साथ आने का मौका मिलता है और ऐसा होने पर उस तरल का गाढ़ापन या सघनता(सख्ती) बढ़ जाती है।
पानी के साथ भी कुछ - कुछ ऐसा ही होता है। जब पानी के अणु ठंडे होते हैं तो उनकी सघनता बढ़ जाती है लेकिन पानी के मामले में ये सघनता धीरे नहीं बढ़ती बल्कि तेज गति से बढ़ती है और 3.98 डिग्री सेल्सियस तक तेजी से बढ़ने के बाद पानी फिर से फैलना शुरु करता है। जिसके कारण पानी के पाइप फैट जाते है |
अगर साधारण शब्दों में कहा जाये तो ठंड में पाइप के अंदर बहता हुआ पानी जमने लगता है जिससे पानी का आयतन इतना बढ़ जाता है कि पाइप की दीवारों पर दबाव डालने लगता है। इस दबाव को पाइप सहन नहीं कर पाते हैं इसलिए फट जाते हैं।
पानी का पाइप फटने से जुड़ी एक बात यह भी है कि पानी के पाइप फटने की समस्याएं ऐसे क्षेत्रों में ज्यादा होती है जहाँ पर तापमान 4 डिग्री सेल्सियस से कम होता हो और पाइप का इंसुलेटेड ना होना भी सर्दी में उसके फटने का कारण बनता है।