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सभी कार में अलग-अलग प्रकार के टायर लगे होते हैं लेकिन सबसे अच्छा टायर ट्यूबलेस टायर होता है क्योंकि यह जल्दी पंचर नहीं होता और अगर पंचर हो भी जाए तो अंदर ट्यूब ना होने के कारण इसका बैलेंस नहीं बिगड़ता इससे एक्सीडेंट होने की संभावना कम रहती है। ट्यूब वाले टायर के मुकाबले ट्यूबलेस टायर हल्के होते हैं। जिसकी वजह से गाड़ी के वजन पर भी इसका प्रभाव पड़ता है। ट्यूबलेस टायर जल्दी गर्म भी नहीं होते ट्यूबलेस टायर जो होता है उसकी मेंटेनेंस काफी अच्छी होती है। पंक्चर रिपेयर कराने के लिए भी ज्यादा परेशानी नहीं होती इसीलिए हमें ट्यूबलेस टायर का इस्तेमाल करना चाहिए.।
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कहा जाता है कि ट्यूब वाले टायर की तुलना में ट्यूबलेस टायर हल्का होता जिससे गाड़ी की माइलेज स्पीड बेहतर बनती है और ट्यूबलेस टायर जल्दी गर्म में नहीं होते हैं इसके इस्तेमाल करने से बेहतर ड्राइविंग का भी एहसास मिलता है। और ट्यूबलेस टायर की खास बात यह है कि अगर कोई भी ट्यूबलेस टायर पंक्चर होता है तो उसमें ज्यादा कोई दिक्कत नहीं होती है क्योंकि पंक्चर वाली जगह पर टिप लगाई जाती है। और उस पर रबड़ सीमेंट की मदद से उस जगह को भर दिया जाता है जिससे ट्यूबलेस टायर पूरी तरह से ठीक हो जाता हैं और ज्यादा परेशानी नहीं होती है इसीलिए बाजार में अब ज्यादातर गाड़ियों में ट्यूबलेस टायर का ही उपयोग किया जाता है.।
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ट्यूबलेस टायर की सबसे खास बात यह होती है कि यह टायर जल्दी से पंचर नहीं होता है और यदि पंचर हो भी जाता है तो अंदर ट्यूब ना होने की वजह से कार का बैलेंस नहीं बिगड़ता है और एक्सीडेंट होने की संभावना बहुत कम रहती है पंचर होने के बावजूद भी इस टायर को कई किलोमीटर तक चलाया जा सकता है और यदि ट्यूबलेस टायर में हवा अच्छे से भरी हो तो इस टायर के पंचर होने के चांस जल्दी नहीं आते हैं इनकी पंचर किट भी मार्केट में आसानी से मिल जाती है। और इस टायर की सबसे खास बात यह है कि जगह पंचर होता है तो उसे खोलने की जरूरत नहीं होती है। इसलिए हमें ट्यूबलेस टायर का इस्तेमाल करना चाहिए क्योंकि यह हमारे लिए ज्यादा फायदेमंद है।
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