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धन तेरस जैसा की नाम से समझ आता है, इस धन से सम्बंधित चीज़ों की पूजा होती है | सभी लोग जानते हैं धन तेरस का त्यौहार क्या होता है | यह कृष्णा पक्ष की त्रियोदशी को आता है | धन तेरस दिवाली के 2 दिन मनाया जाता है | एक तरह से यह त्योहार दीपावली के आने का संकेत कह सकते हैं | धन तेरस के दिन नए बर्तन खरीदना बहुत शुभ माना गया है | धन तेरस के दिन यमराज और भगवान धन्वंतरि की पूजा करने का महत्व है |
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हम आपको बताने वाले हैं कि धनतेरस कब और क्यों मनाया जाता है:-
दोस्तों मैं आपको बता दूं कि धनतेरस का त्यौहार कार्तिक मास की कृष्ण त्रयोदशी को मनाया जाता है। हमारे हिंदू धर्म के लोग धनतेरस के दिन घर के द्वार पर तेरह दीपक जला कर रखते हैं। मैं आपको बता दूं कि धनतेरस का त्योहार दीपावली आने का संकेत देती है। और तो
और के दिन नए बर्तन खरीदना काफी शुभ माना जाता है। मैं आपको बता दूं कि इस दिन मृत्यु के देवता यमराज और धन की देवी धन्वंतरि की पूजा की जाती है।
चलिए अब हम आपको बताते हैं कि आखिर क्यों मनाया जाता है धनतेरस का त्यौहार:-
शास्त्रों में धनतेरस के पीछे की कहानी बताई गई है कथाओं के अनुसार जब समुद्र मंथन के दौरान कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी के दिन भगवान धन्वंतरि अपने हाथों से अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। ऐसा माना जाता है कि भगवान धन्वंतरि भगवान विष्णु के अवतार थे। ऐसा माना जाता है कि संसार में चिकित्सा विज्ञान के विस्तार और प्रसार के लिए ही भगवान विष्णु जी ने धनवंतरी का अवतार लिया था। यही वजह है कि भगवान धन्वंतरि के प्रकट होने के उपलक्ष में ही धनतेरस का त्यौहार मनाया जाता है।
चलिए हम आपको बताते हैं कि धनतेरस के दिन क्या खास करना चाहिए:-
दोस्तों इस दिन आप अपने सामर्थ्य के अनुसार किसी भी रूप में चांदी एवं धातु की खरीदारी कर सकते हैं क्योंकि इस शुभ माना जाता है।
धनतेरस के दिन अपने घर की सफाई अवश्य करें।
दोस्तों धनतेरस के दिन आप अपने घर को रंग-बिरंगे लाइटों से सजा सकते हैं। इसके अलावा आप अपने घर को फूलों से सजा सकते हैं।
यदि आप चाहे तो धनतेरस के दिन मां लक्ष्मी को कमल पुष्प अर्पित कर सकते हैं क्योंकि ऐसी मान्यता है की मां लक्ष्मी को पुष्प के फूल बहुत प्रिय हैं। और आप इस दिन गुलाबी रंग की मिठाई भी माता को अर्पित कर सकते हैं।
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चलिए दोस्तों आज हम आपको बताते हैं कि धनतेरस कब मनाते हैं और क्यों मनाते हैं।
धनतेरस के बारे में तो आप सभी जानते ही हैं क्योंकि धनतेरस हर साल दीपावली के एक या दो दिन पहले मनाई जाती है। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि धनतेरस एक प्रकार का दीपावली के आने का संकेत देती है।
धनतेरस के नाम से ही पता चलता है कि धनतेरस शब्द दो शब्दों से मिलकर बना हुआ है धन और तेरस जिसका अर्थ होता है कि धन का 13(तेरा) गुना हो जाना।
चलिए हम अब आपको बताते हैं कि धनतेरस कब मनाई जाती है-
धनतेरस हर साल कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाई जाती है तथा इसके बाद अमावस्या को दीपावली का त्यौहार मनाया जाता है।
चलिए अब मैं आपको बताते हैं कि धनतेरस क्यों मनाई जाती है-
कार्तिक महीने की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को भगवान धन्वंतरि का जन्म हुआ था इसी कारण से इस दिन को धनतेरस या त्रयोदशी के नाम से जाना जाता है।
चलिए हम आपको बताते हैं कि भगवान धन्वंतरि का जन्म कैसे हुआ था-
धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि समुद्र मंथन के समय अमृत का कलश लेकर प्रकट हुए थे, इसी कारण धनतेरस के दिन को भगवान धन्वंतरि के जयंती के रूप में भी मनाया जाता है।भगवान धन्वंतरि भगवान विष्णु के अवतार माने जाते हैं इस कारण से इनकी धनतेरस के दिन पूजा की जाती है।
भगवान धन्वंतरि आयुर्वेद के भगवान के नाम से भी जाने जाते हैं।
धनतेरस के दिन भगवान कुबेर, विष्णु भगवान, माता लक्ष्मी, भगवान गणेश, भगवान धन्वंतरि इत्यादि की पूजा की जाती है।
धनतेरस के दिन धातु या चांदी के बरतन खरीदना शुभ माना जाता है। इसके अतिरिक्त धनतेरस के दिन झाड़ू खरीदना भी शुभ माना जाता है। कहते हैं कि इस दिन अगर धातु या चांदी के बर्तन खरीदते हैं तो हमारे घर में धन की बढ़ोतरी होती है और इसके अतिरिक्त यदि हम धनतेरस के दिन झाड़ू खरीद कर अपने घर लाते हैं तो हमारे घर मे माता लक्ष्मी का प्रवेश होता है।
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