चलिए दोस्तों आज हम आपको बताते हैं कि धनतेरस कब मनाते हैं और क्यों मनाते हैं।
धनतेरस के बारे में तो आप सभी जानते ही हैं क्योंकि धनतेरस हर साल दीपावली के एक या दो दिन पहले मनाई जाती है। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि धनतेरस एक प्रकार का दीपावली के आने का संकेत देती है।
धनतेरस के नाम से ही पता चलता है कि धनतेरस शब्द दो शब्दों से मिलकर बना हुआ है धन और तेरस जिसका अर्थ होता है कि धन का 13(तेरा) गुना हो जाना।
चलिए हम अब आपको बताते हैं कि धनतेरस कब मनाई जाती है-
धनतेरस हर साल कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाई जाती है तथा इसके बाद अमावस्या को दीपावली का त्यौहार मनाया जाता है।
चलिए अब मैं आपको बताते हैं कि धनतेरस क्यों मनाई जाती है-
कार्तिक महीने की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को भगवान धन्वंतरि का जन्म हुआ था इसी कारण से इस दिन को धनतेरस या त्रयोदशी के नाम से जाना जाता है।
चलिए हम आपको बताते हैं कि भगवान धन्वंतरि का जन्म कैसे हुआ था-
धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि समुद्र मंथन के समय अमृत का कलश लेकर प्रकट हुए थे, इसी कारण धनतेरस के दिन को भगवान धन्वंतरि के जयंती के रूप में भी मनाया जाता है।भगवान धन्वंतरि भगवान विष्णु के अवतार माने जाते हैं इस कारण से इनकी धनतेरस के दिन पूजा की जाती है।
भगवान धन्वंतरि आयुर्वेद के भगवान के नाम से भी जाने जाते हैं।
धनतेरस के दिन भगवान कुबेर, विष्णु भगवान, माता लक्ष्मी, भगवान गणेश, भगवान धन्वंतरि इत्यादि की पूजा की जाती है।
धनतेरस के दिन धातु या चांदी के बरतन खरीदना शुभ माना जाता है। इसके अतिरिक्त धनतेरस के दिन झाड़ू खरीदना भी शुभ माना जाता है। कहते हैं कि इस दिन अगर धातु या चांदी के बर्तन खरीदते हैं तो हमारे घर में धन की बढ़ोतरी होती है और इसके अतिरिक्त यदि हम धनतेरस के दिन झाड़ू खरीद कर अपने घर लाते हैं तो हमारे घर मे माता लक्ष्मी का प्रवेश होता है।
Loading image...