दिवाली के अवसर पर लक्ष्मी और गणेश का पूजन किया जाता है | दिवाली के दिन हमारे घर लक्ष्मी जी का आगमन हो यही कामना सब करते हैं | परन्तु ये किसी ने नहीं सोचा होगा की हम दिवाली के दिन लक्ष्मी के साथ गणेश जी का पूजन ही क्यों करते हैं | आइये आपको बताते हैं, कि दिवाली के दिन लक्ष्मी गणेश का पूजन क्यों किया जाता है |
हर इंसान अपने जीवन में सिर्फ एक चीज़ की कामना करता है, कि उसके जीवन में हमेशा खुशियां बनी रहे | इस ख़ुशी को बरक़रार रखने के लिए इंसान बहुत कुछ करता है, बहुत मेहनत करता है | जिसे की सभी जानते हैं, लक्ष्मी जिस घर में रहती हैं, वहाँ धन सम्पदा की कोई कमी नहीं होती | परन्तु सिर्फ धन होने से इंसान खुश नहीं रहता | धन को सही तरीके से सँभालने के लिए इंसान में बुद्धि और विवेक चाहिए , जो की गणेश भगवान के पूजन के साथ ही आपके घर आएगा |
लक्ष्मी जी के साथ गणेश भगवान की पूजा का एक महत्व है, लक्ष्मी जी को अपने आप में बहुत अभिमान था, की वो धन की देवी है, वो जिसके पास रहती है, उस इंसान के पास सुख समृद्धि हमेशा रहती है, लोगों में उसका नाम होता है | विष्णु भगवान लक्ष्मी जी का अभिमान ख़त्म करना चाहते थे इसलिए उन्होंने लक्ष्मी जी से कहा कोई भी स्त्री तब तक पूरी नहीं होती जब तक वो माँ नहीं बनती | इस बात को सुनकर लक्ष्मी जी निराश हो गई और वो पार्वती के पास गई और उन्होंने पार्वती के दोनों पुत्रों से एक पुत्र की मांग की |
पार्वती जी जानती थी कि लक्ष्मी जी एक स्थान पर नहीं रूकती इसलिए उन्होंने उन्हें अपने पुत्र गणेश जी को दे दिया और साथ ही लक्ष्मी जी से कहा कि तुम जहां जाओगी वह गणेश जी भी तुम्हारे साथ जाएंगे | गणेश जी लक्ष्मी जी के पुत्र है, जिस तरह माँ जहाँ जाती है, वहाँ बच्चा भी जाता है, उसी प्रकार जहाँ लक्ष्मी जी का पूजन होता है, वहां गणेश भगवान को साथ में पूजा जाता है |