Software engineer at HCL technologies | पोस्ट किया |
किसी भी कॉम्पनी में निवेश करने से पहले उसका ईपीएस नान लेना बेहद आवश्यक है। किसी भी कंपनी में लंबी अवधि के लिए निबेश करने से लेहले हम उस कंपनी का p e ratio निकालते हैं।
Earning Per Share (EPS) यानि प्रति शेयर आय कैसे गिनी जाती है और इससे कंपनी की आर्थिक सेहत को जाना जाता है।कंपनी की कुल शुद्ध लाभ से हर शेयर के हिस्से में कितनी रकम आयेगी उसे ही Earning per Share प्रति शेयर आय यानि EPS कहते हैं। यदि 10 करोड़ रु की पूंजी वाली कंपनी जिसके 10 रु की कीमत वाले 1 करोड़ शेयर हों और वह कंपनी 20 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाती है तो उसकी प्रति शेयर आय 20 रुपये होगी:
20 करोड़ / 1 करोड़ = 20
यदि कोई कंपनी केवल तिमाही नतीजे ही घोषित करती है तो उन नतीजों के आधार पर कंपनी के पूरे साल के प्रति शेयर आय की भी गणना की जा सकती है।
EPS का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि इससे PE Ratio निकलता है जो अगर 12 से ऊपर हो तो कंपनी का शेयर खरीद लेना चाहिए और अगर 26 के ऊपर हो तो तुरंत बेच देना चाहिए।
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