फिल्मस्टार कहीं भी जाये तो मीडिया उनके पीछे होती है, जी हाँ ! बहुत ही सच बात है । पर मेरा जवाब है, आखिर हो भी क्यों ना ? क्या हम उन लोगो में से नहीं जिन्हें अपने फेवरेट स्टार के जीवन में झाँकने का बहुत शौक है ? क्या स्टार्स खुद नहीं चाहते की अपनी गतिविधियों से वह लोगो में चर्चित हों ? क्या मीडिया वो नहीं दिखायगी जिससे उन्हें अत्यधिक लाभ पहुँचता हो ? इन सवालों के जवाब हम सभी बहुत अच्छी तरह जानते हैं और यही कारण है की मीडिया हमेशा फिल्मस्टार्स के ही आगे पीछे क्यों घूमती है ।
इस समय भारत में कोई ऐसा न्यूज़ चैनल नहीं है जिसपर एंटरटेनमेंट की खबरे न आती हों । यह खबरे कुछ इस तरह की होती हैं - "गौर से देखिये किस तरह तैमूर ने करीना को माँ बुलाया, श्रीदेवी ने अपने जीवन में कराई कितनी सर्जरी, रनवीर-दीपिका की शादी में कौन नहीं है निमंत्रित, क्या आलिया को पसंद हैं कटरीना ।" यह कुछ ऐसी खबरें हैं जिन्हें टीवी पर दिखाकर न जाने कितने ही न्यूज़ चैनल चल रहे हैं और दर्शक इन्हे पूरे मनोरंजन के साथ देख भी रहेहैं । इन खबरों को मीडिया दिखाए भी क्यों न ? आखिर यह सबसे महत्वपूर्ण खबरे जो ठहरी, लोग जियेंगे कैसे अगर इन खबरों के बारे में उन्हें ज्ञात नहीं होगा तो ।
अभी सोनम कपूर की शादी की ही बात ले लीजिये, देश के आधे से ज्यादा न्यूज़ चैनल उनकी शादी की खबरों से भरे हुए थे । इंस्टाग्राम, फेसबुक और ट्विटर, ऐसा कोई सोशल मीडिया प्लेटफार्म नहीं था जहाँ सोनम कपूर की शादी के चर्चे न हों । आश्चर्य की बात यह नहीं है कि मीडिया फिल्मस्टार्स के आगे पीछे क्यों घूमती है, बल्कि आश्चर्य की बात तो यह है कि आम जनता इन स्टार्स को देखने के लिए और इनके निजी जीवन को जानने के लिए कितनी आतुर रहती है । यही कारण है कि देश की त्रासदी, अपराध और न्याय को दिखाने की बजाय मीडिया केवल फिल्मस्टार्स के ही पीछे क्यों रहती है ।
जैसा की हम सभी को पता है कि मीडिया फिल्म स्टार्स के आस पास अत्यधिक घूमती है परन्तु इसमें मीडिया का पूर्ण दोष नहीं है क्योंकि मीडिया या कहें जर्नलिस्ट वह करते हैं जो उन्हें करने के लिए कहा जाता है । इस समय भारत में ऐसा कोई न्यूज़ चैनल या अखबार नहीं है जिसे अभिव्यक्ति की पूर्ण स्वतंत्रता हो । सभी न्यूज़ चैनल किसी न किसी बढ़ी ताकत के अंतर्गत दबे हुए हैं, चाहे वह देश के प्रधानमन्त्री हों या कोई करोड़पति अधिकारी । तो हम मीडिया से यह कैसे उम्मीद कर सकते हैं कि वह हमे राजनेताओं के अवगुण दिलाये, जबकि वह उन्ही की पकड़ में हैं, या वह हमे उन गरीब मजदूर किसानो की हालत दिखाए जिनके जिले के अधिकारी राज्य सरकार के लिए कार्य करते हैं और राज्य सरकार केंद्र सरकार से जुड़ी है और केंद्र सरकार के अंतर्गत मीडिया है । इसलिए मीडिया केवल वही दिखाती है जिसकी उसे स्वतंत्रता हो और जिन खबरों से उनकी TRP में बढ़ोत्तरी हो ।
यदि आप चाहते हैं कि मीडिया फ़िल्मी सितारों से हटकर देश की त्रासदी पर नजर डाले तो उसके लिए आपको खुद देश की त्रासदी जानने में रूचि दिखानी होगी बिलकुल वैसे ही जैसे महिला क्रिकेटरों में रूचि दिखाते ही आज बहुत अधिक तो नहीं परन्तु महिला क्रिकेट को भी खबरों में स्थान मिलने लगा है । कुछ ऐसी ही रूचि की आवश्यकता हमे देश के उन मुद्दों पर दिखानी है जिसे न्यूज़ में 2 मिनट से ज्यादा का स्थान नहीं मिलता । क्योंकि मीडिया तो पैसा कमाएगी ही, और यदि पैसा फिल्मस्टार्स को दिखाने से आ रहा है तो वह पीछे क्यों रहेगी ।