ज्ञान और लक्ष्य, दो ऐसी चीज़े हैं जिन पर हमारा जीवन आधारित है | ज्ञान और लक्ष्य दो अलग-अलग धारणाएं है जिनका मिलाप जीवन को प्रासंगिक बनाता है | ज्ञान हम अर्जित करते हैं, और लक्ष्य का हम चुनाव करते हैं | ज्ञान व्यक्तित्यों में विभिन्न होता है परन्तु लक्ष्य एक होता है | ज्ञान और लक्ष्य को सही प्रकार से समझने के लिए हमे इसकी परिभाषाएँ अलग अलग समझनी होंगी |
ज्ञान :-
ज्ञान जीवन का पर्याय है | ज्ञान के बिना मनुष्य उस कुएँ समान है जिसमे पानी नहीं है | व्यक्ति अपनी रक्षा, अर्थ की प्राप्ति, धन की प्राप्ति और गुण की प्राप्ति, कुछ भी ज्ञान के बिना नहीं कर सकता | यदि व्यक्ति जीवन में कुछ बनना चाहता हो तो उसके लिए उसे ज्ञान की आवश्यकता होती है | ज्ञान की प्राप्ति से अर्थ मनुष्य का किताबे पढ़ना या अत्यधिक शिक्षित हो जाना ही नहीं है, ज्ञान की प्राप्ति कलाओं के प्रशिक्षण से भी होती है | कोई व्यक्ति जो काशिदाकारी, नृत्य, संगीत या शिल्पकारी में माहिर है, वह भी ज्ञानी है |
ज्ञान के बिना व्यक्ति धन की प्राप्ति भले ही कर ले परन्तु उस धन को संजोना या किस तरह से उसे इस्तेमाल करना है. व्यक्ति नहीं समझ पाएगा | व्यक्ति शक्ति समृद्ध हो सकता है परन्तु अज्ञानी कि तरह उसे गँवा भी सकता है | इसलिए ज्ञान का होना मनुष्य के जीवन में अति आवश्यक है | साधू बिना ज्ञान के साधू बन सकता है परन्तु ज्ञान के बिना वह बुद्ध नहीं बन सकता |
लक्ष्य :-
लक्ष्य के ना होने से व्यक्ति कार्य तो करता है, परन्तु क्यों करता है? किस लिए करता है? इसका उसे कोई ज्ञान नहीं होता | लक्ष्य का अर्थ है व्यक्ति द्वारा अपनी मंज़िल चुनना | जैसे कि किसी व्यक्ति के जीवन का लक्ष्य देश कि सेवा करना है, तो किसी व्यक्ति का लक्ष्य देश का सबसे बढ़ा संगीतकार बनना है | इसी तरह लोगों के जीवन में विभिन्न लक्ष्य होते हैं | लक्ष्यविहीन व्यक्ति केवल राहो पर चल सकता है परन्तु कोई मंज़िल पा नहीं सकता | जीवन एक गाड़ी की तरह है, जिसका लक्ष्य अपने गंतव्य स्थान को पाना है, यदि वह गंतव्य तक नहीं पहुँच सकता तो उस गाड़ी का कोई अर्थ नहीं है |
लक्ष्य व्यक्ति को आगे बढ़ने की ऊर्जा और इच्छाशक्ति प्रदान करते हैं | व्यक्ति के पास लक्ष्य नही होंगे तो वह अपने जीवन में कुछ हासिल नहीं कर पाएगा | लक्ष्य व्यक्ति को जीवन में चुनौतियाँ लेने के काबिल बनाते हैं, उन्हें निडर बनाते हैं और उनके लिए सफलता के द्वार खोलते हैं |
ज्ञान और लक्ष्य :-
वह व्यक्ति जिसमे ज्ञान होगा, वह अपने लक्ष्यों को आसानी से पा लेगा | लक्ष्यहीन व्यक्ति ज्ञानी हो सकता है परन्तु उसके ज्ञान का कोई लाभ नहीं, यदि वह उन्हें लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए इस्तेमाल न कर सके | हर व्यक्ति के जीवन में ज्ञान और लक्ष्य होता है, जैसे चाणक्य जैसे ज्ञाता के जीवन में चन्द्रगुप्त को राजगद्दी दिलाना लक्ष्य था, राम के जीवन में सीता को पाना, अर्जुन का लक्ष्य दुर्योधन का वध और सती का लक्ष्य अपने पति के प्राण लाना | यह लक्ष्य ही हैं जो ज्ञान को सिद्ध करते है और यह ज्ञान ही है जो आपको लक्ष्यों को पाने में मदद करते हैं |