Blogger | पोस्ट किया |
prity singh | पोस्ट किया
हरितालिका तीज को भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाया जाता है इस दिन कुंवारी कन्या और सुहागिन महिलाएं भगवान शंकर और माता पार्वती की पूजा करती है मान्यता है सौभाग्यवती महिलाएं अपने सुहाग को अखंड बनाए रखने और अविवाहित युवतियां अपने इच्छित वर पति को पाने के लिए व्रत करती है ऐसा माना जाता है सबसे पहले इश् व्रत को माता पार्वती ने सबसे पहले भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त करने के लिए रखा था उन्हीं का अनुसरण करते हुए महिलाएं माता पार्वती और शिव जी जैसे दांपत्य पर से जीवन पाने के लिए क्या करें इस दिन व्रत करने वाली सुहागन से असुविधा से पूर्व ही उड़ जाते हैं स्नान ध्यान करके पूजा पूरा सिंगार करती है पूजन के लिए केले के पत्ते का मंडप बनाती है गौरी शंकर की प्रतिमा स्थापित की जाती है पार्वती जी को श्रृंगार का सारा सामान चढ़ाया जाता है रात में भजन-कीर्तन किया जाता है और पूरी रात जागरण किया जाता है शिव पार्वती विवाह का कथा सुना जाता है
और पढ़े- अगर गलती से हरतालिका तीज व्रत टूट जाये तों क्या करे?
0 टिप्पणी