गुरुकुल हमेशा भारतीय शिक्षा का एक अनिवार्य हिस्सा रहा है। चाहे वह pre-colonial (
पूर्व औपनिवेशिक) युग हो या colonial (औपनिवेशिक ) युग हो, गुरुकुल का महत्व यहां अस्वीकार नहीं हुआ है | रणबींद्रनाथ टैगोर का शांतिनिकेतन इसका सबसे बड़ा और सबसे लोकप्रिय उदाहरण है।
आंशिक रूप से, हरियाणा में गुरुकुल को मुफ्त भूमि मिलने का कारण लोगों को उनकी मुफ्त शिक्षा मिलने के रूप में लिया जा सकता है, अर्थात जो बच्चे पैसे की कमी की वजह सेपढाई नहीं कर सकते उनसे हम इस बात का अंदाज़ा लगा सकते हैं, कि हरियाणा में गुरुकुल के मुफ्त भूमि क्यों दी गई हैं। इस संबंध में अगर देखा जाये तो हरियाणा का गुरुकुल इसके लायक हैं, कि उन्हें मुफ्त भूमि दी जाये । कई औरअन्य कारण हैं, जिसके लिए में हमारे देश में गुरुकुल के महत्व को बनाए रखने का मकसद शामिल है।
गुरुकुल न केवल किताबों के ज्ञान प्रदान करते हैं, बल्कि योग, देशभक्ति, आदि के माध्यम से जीवन का एक नया तरीका भी सिखाते हैं। यह निजी और सरकारी स्कूल है, जो आधुनिक शिक्षा, कम प्रदान करता है।
हरियाणा के मुख्यमंत्री Manohar Lal Khattar ने कहा "हमारे समाज में नैतिक जिम्मेदारी लोगों को स्वास्थ्य और शिक्षा की सुविधा मुहैया कराती है, लेकिन आज आम आदमी को इन सुविधाओं का लाभ उठाने के लिए संसाधनों की कमी है, पर अमीर लोग उन पर भारी धन खर्च करते हैं।"
इसलिए हरियाणा की सरकार के मुताबिक, हरियाणा गुरुकुल को मुफ्त ज़मीन देने का प्रमुख कारण
यह हैं, कि वहां के बच्चों को मुफ्त शिक्षा मिले और बेहतर शिक्षा प्रदान की जाये |
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