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दोस्तों आप ने चंद्रशेखर आजाद का नाम सुना ही होगा । चंद्रशेखर आजाद एक स्वतंत्रता सेनानी थे पर क्या आप जानते हैं कि चंद्रशेखर के साथ आजाद नाम कैसे जुड़ा था यदि नहीं जानते तो चलिए हम आपको यह पोस्ट में बताते हैं चंद्रशेखर जब 15 वर्ष के थे तब उन्होंने एक केस के लिए जज के सामने पेश किया गया । तब जज ने चंद्रशेखर से उनका नाम पूछा तब इन्होंने उत्तर में कहा मेरा नाम आजाद है और मेरे पिता स्वतंत्रता है और मेरा घर जेल है उनके इस उत्तर को सुनकर जज को गुस्सा आ गया तब जज ने शेखर को 15 कोड़े मारने की सजा सुना दी। अभी से उनका नाम आजाद पड़ गया।
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क्या आप जानते हैं कि चंद्रशेखर आजाद के साथ आजाद नाम कैसे जुड़ा है चलिए इसकी पूरी कहानी जानते हैं।
दोस्तों चंद्रशेखर का जन्म 23 जुलाई को उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के बदरका गांव में हुआ था लेकिन इनका बचपन मध्यप्रदेश में बीता था। एक समय की बात है जब चंद्रशेखर आजाद की उम्र 15 वर्ष की थी तब उन्हें जज के सामने पेश किया गया तो उन्होंने कहा मेरा नाम आजाद है और मेरे पिता का नाम स्वतंत्रता है और मेरा घर जेल है ऐसी बात सुनकर जज भड़क गए और आजाद को 15 कोड़े मारने के लिए सजा सुनाई गई अभी से लेकर आजाद का नाम आजाद पड़ गया।
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अमर शहीद चंद्रशेखर आजादः
अमर शहीद चंद्रशेखर का जन्म मध्य प्रदेश स्थित झाबुआ जिले के एक छोटे से गांव में एक
साधारण परिवार में हुआ था। इनके पिता का नाम पंडित सीताराम और माता का नाम
जगरानी देवी था। चंद्रशेखर बचपन से ही स्वतंत्र और निडर स्वभाव वाले,बड़े साहसी बालक थे।
मन में स्वतंत्रता की आग छिपाए चंद्रशेखर क्रांतिकारी दल के सक्रिय सदस्य बन गए।
इसलिए ब्रिटिश सरकार हाथ धोकर इनके पीछे पड़ी थी, ब्रिटिश राजकुमार का विरोध करते हुए
चंद्रशेखर को पुलिस ने पकड़ कर जब मैजिस्ट्रेट के सामने सजा के लिए हाजिर किया, तब
मैजिस्ट्रेट के नाम पूछने पर चंद्रशेखर ने अपना नाम बताया ‘आजाद ’ तभी से चंद्रशेखर के
साथ आजाद नाम जुड़ गया।
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दोस्तो आप चंद्रशेखर आज़ाद का नाम सुना ही होगा चंद्रशेखर आजाद एक स्वतंत्रता सेनानी थी पर आप क्या जानते हैं की चंद्रशेखर के साथ आजाद नाम नाम कैसे जुड़ गया चंद्रशेखर का जन्म 23 जुलाई उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के बदरका गांव में हुआ था। चंद्रशेखर जब 15 साल के थे अब उन्हें किसी केस में एक जज के सामने पेश किया गया वहां पर जब जज ने उनका नाम पूछा तो उन्होंने कहा मेरा नाम आजाद है, मेरे पिता का नाम स्वतंत्रता, और मेरा घर जेल है। जज यह सुनने के बाद भड़क गए और चंद्रशेखर को 15 कोड़ों सजा सुनाई यहीं से उनका नाम आजाद पड़ गया।
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