केबल टीवी चैनल्स अपनी श्रेणी के अनुसार विभाजित होते हैं| जैसे कि जनरल एंटरटेनमेंट चैनल्स जिसमें हिंदी या अन्य भाषा के टीवी सीरियल्स, या शो दिखाते जाते हैं, म्यूजिक चैनल्स, मूवी चैनल्स जिसमें बॉलीवुड और अन्य प्रकार की फिल्में प्रसारित की जाती हैं और इसके बाद आता है न्यूज़ चैनल| हमारे केबल ओपेरटर हमने इन केबल चैनल्स के बदले में मासिक चार्ज लेते हैं जोकि 250 रुपए से शुरू होकर अपनी सर्विस के मुताबिक हमसे चार्ज किया जाता है. बदले में हमें करीब करीब 200 से 300 तक के चैनल्स देखने को मिलते हैं| लेकिन क्या आपने सोचा है कि निरंतर एक्टिव रहने वाले इन चैनल्स का खर्चा इतने कम चार्जेज में कैसे चलता होगा?
सबसे पहले तो ये जान लीजिए कि हम जो भी मासिक चार्जेज अपने केबल टीवी के लिए भरते हैं उसमें केबल ऑपरेटर्स के कमीशन और अन्य फीस जुड़ी होती है जिसके बाद बहुत मामूली रकम केबल ऑपरेटर्स तक पहुँचती हैं| इन चैनलों का असली खर्च निकलता है इनके कंटेंट से| हम हमेशा ये शिकायत करते हैं कि चैनलों पर प्रचार बहुत ज्यादा दिखाया जाता है| टीवी शोज और फिल्मों से ज्यादा टाइम प्रचार को दे दिया जाता है. दरअसल, इन्हीं प्रचारों से चैनलों को अच्छी खासी कमाई होती है| ये चैनल हर प्रचार कराने वाले ब्रैंड्स से समय और कंटेंट की ड्यूरेशन के अनुसार पैसे चार्ज करते हैं जो लाख से लेकर करोड़ों तक भी पहुंच जाते हैं| इन्हीं एड और कमर्शियल्स के चलते इन्हें इनकम होती है|
आईपीएल मैच या फिर ऐसी ही कोई अन्य बड़ी और ज्यादा से ज्यादा ऑडियंस को आकर्षित करने वाले कंटेंट को जब प्रसारित किया जाता है तब इन ब्रैंड्स के लिए प्रचार के रेट्स भी बढ़ा दिए जाते हैं और इस तरह से चैनल अच्छी कमाई करते हैं|