स्टॉक मार्केट क्रैश शेयर बाजार की एक वह भयावह घटना को है जिसमें स्टॉक मार्केट में शेयर की कीमतों में अचानक नाटकीय गिरावट आ जाती है, जिसके परिणामस्वरूप पेपर मनी को महत्वपूर्ण नुकसान होता है। क्रैश भेड़ चाल के जैसा होता है और इसके पीछे आर्थिक कारणों के साथ साथ कुछ भी कारण हो सकता है ।
मार्केट क्रैश तब करता है जब किसी कारणवश स्टॉक होल्डर अपने स्टोक्स को बेचने लगते है । यह किसी एक या दो ट्रेडर्स के बेचने से क्रैश नहीं होता बल्कि मार्केट में जब बहुत सारे निवेशक एक साथ या एक के बाद एक करके स्टोक्स को बेचना शुरू कर देते है । फिर क्या इसके प्रभाव में आकर और मार्केट को गिरता देख छोटा इन्वेस्टर भी अपनी पोर्टफोलियो को स्क्वेयर ऑफ करने की सोचने लगता है । धीरे धीरे मार्केट में गिरावट बढ़ती जाती है और फिर सर्किट लगाना पड़ता है ।
सर्किट मार्केट के एक साथ सेंकडों पॉइंट्स के गिरने पर लगता है और इसका देश की आर्थिक स्थिति पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है । मार्केट को गिरता या कमजोर होता देख फॉरेन इन्वेस्टर भी अपना हाथ खीचने लगते हैं और इसके कारण गिरावट बढ़ती जाती है । एक बार क्रैश होने के बाद मार्केट को फिर संभलने में 2-4 दिन लग जाते हैं ।