इरशाद कामिल ने कैसे ऊंचाइयों का मुकाम छुआ ? - letsdiskuss
Official Letsdiskuss Logo
Official Letsdiskuss Logo

Language


English


Ramesh Kumar

Marketing Manager | पोस्ट किया |


इरशाद कामिल ने कैसे ऊंचाइयों का मुकाम छुआ ?


1
0




Content writer | पोस्ट किया


इरशाद कामिल बॉलीवुड का एक ऐसा नाम हैं जिन्होंने अपने करियर में कड़ी मेहनत के बाद खुद को बॉलीवुड में एक नामचीन गीतकार के रूप में उतारा हैं| जिन्होंने खुद को अपने काम से सभी के दिल में उतारा हैं| इरशाद कामिल ना केवल एक बेहतरीन गीतकार हैं, बल्कि सिनेमा जगत में उन्होंने कामयाबी का एक अच्छा मुकाम हासिल किया| इरशाद कामिल की खासियत रही हैं की उन्होंने हमेशा ही अपने गीतों में अपने संघर्षो की खानी को बया किया हैं|


Letsdiskuss


हाल ही इरशाद कामिल की एक नयी किताब 'काली औरत का ख्वाब' किताब को लांच किया गया जिस पर इरशाद ने कहा की "मैं अक्सर अपने गानों में जो लिखता हूं और जो मैसेज लोगों तक पहुंचाना चाहता हूं वो उन तक पहुंच रहा है और लोग इसे पसंद कर रहे हैं, ऐसे में ये नहीं कहा जा सकता कि हमारी पारम्परिक भाषा और यहां के साहित्य की एहमियत कम हुई है वरना मेरे गानों को इस तरह का रिस्पोंस नहीं मिलता| इतना ही नहीं इरशाद कामिल ने 'रॉकस्टार' 'तमाशा', 'जब हैरी मेट सेजल' और जीरो जैसी फिल्मों के लिए गानें कंपोज किये हैं| आपको बता दे की इरशाद कामिल ने अपने करियर के शुरुआत में टेलीविजन शो के टाइटल ट्रैक लिखते थे|कामिल ने हिंदी सिनेमा में एंट्री फिल्म चमेली से की थी |



इरशाद कामिल के बेहतरीन नज़्मे
- खुसरो की पहेली सी उलझी
ये उमर गुज़ारिश करती है
हर वक़्त मुझे समझाओ न
कुछ समझो भी...
एक लफ़्ज़
मैं जेब में रखके
तुमसे मिलने आता हूँ
उसे बोले बिन मैं ले जाता हूँ।

- कुछ रिश्तों का
नमक ही दूरी होता है
न मिलना भी
बहुत ज़रूरी होता है
आज उंगली कटी
याद की डोर से
खींचा फिर से किसी ने
तेरी ओर से।

- मेरे अंदर
बंजर-बंजर
तेरी प्यास
समंदर की
राही लौटे
पंछी लौटे
सूरज लौटा अपने देस
माये, कैसे लौटेगा वो
जिसके घर में है परदेस




0
0

');