Writing and Reading about Steel Industries | पोस्ट किया
कर्म, जाति और रचना के आधार पर क्रिया के मुख्यतः दो भेद हैं: -
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क्रिया - वें शब्द जो किसी कार्य को करने या होने का बोध कराते है,वह क्रिया कहलाती है।
दूसरे शब्दो मे हम कह सकते है,किसी भी वाक्य में जिस शब्द से किसी कार्य यानि कि काम के बारे में पता चलता हो वह शब्द क्रिया कहलाता है।
क्रिया के कितने भेद होते है -
क्रिया के दो भेद होते है -
1. सकर्मक क्रिया
2. अकर्मक क्रिया
1. सकर्मक क्रिया -
सकर्मक का शाब्दिक अर्थ कर्म के साथ यानी कि जिसके साथ कर्म हो या जिस कार्य को करने के लिए कर्त्ता को छोड़कर कर्म पर बल पड़ता है, वह सकर्मक क्रिया कहलाता है।
दूसरे शब्दो मे,जिस क्रिया के साथ कर्म का होना आवश्यक है उसे सकर्मक क्रिया कहते हैं।
जैसे -
राहुल फल खा रहा है।
सोनिया गाना गा रही है।
2.अकर्मक क्रिया -
अकर्मक क्रिया वह क्रिया होती है जिसके साथ कर्म नहीं होता है। या फिर जहाँ पर क्रिया के व्यापार का फल कर्ता पर पड़ता है,उसे अकर्मक क्रिया कहा जाता है।
जैसे -
रानी हंसती है।
अमन खाता है।
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