B.A. (Journalism & Mass Communication) | पोस्ट किया |
Teacher | पोस्ट किया
अक्सर देखा जाता है रोज़मर्रा की ज़िंदगी में व्यक्ति कभी कभी किसी बात का इतना बुरा मान जाता है कि वह खुद के फैसलों के बारें में सही गलत समझने में बिलकुल असमर्थ हो जाता है | ऐसे में उसके अंदर ईगो और attitude जैसी गलत भावनाएं पैदा होती है और वह अपने साथ - साथ दूसरों के मन में भी नाकारत्मकता का भाव भर देता है | ऐसे में बहुत जरुरी है कि हम अपने जीवन में ego और attitude को कम करने के आसान तरीके ढूंढें और सही तरीके से अपने जीवन में इन तरीकों को अपनाएं |
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