किसी भी समस्या का हल उसे पीठ मोड लेने इसमें नहीं बल्कि उसका सामना हिम्मत के साथ करने में है। परेशानियां सभी के सामने आते हैं लेकिन उनसे डर कर या घबरा कर खुद को तनाव के अंधेरों से घेर लेना गलत है। याद रखें तेरी जीवन चर्या से यूपी की परिस्थितियों के फल स्वरुप मिली मानसिक उथल-पुथल पर काबू पाकर आप हर मुश्किल को आसान बना सकते हैं। इसलिए निराशा में डूबने की वजह आशा के साथ तैयार किनारा ढूंढे।
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यह सत्य है कि मनुष्य के पारिवारिक एवं सामाजिक जीवन में समस्या अंतहीन होते हैं, बल्कि समस्याएं घटना के बजाय बढ़ जाती हैं।साथ ही तनाव व दवा व्यक्ति के शरीर को रोगी बना देता है उसे खोखला करने में कोई कसर बाकी नहीं रखता। लंबे समय तक तनाव ग्रस्त या कुंठाग्रस्त जीवन व्यतीत करते हुए व्यक्ति मानसिक विकृति की स्थिति में आ सकता है।और उस स्थिति में वह कोई गलत कदम भी उठा सकता है। अतः अपने आप को इस स्थिति से छुटकारा दिलाना अत्यंत आवश्यक है।
निराशा, असफलता एवं हताशा को नकार कर थोड़ी सी व्यावहारिक सूझबूझ व वास्तविकता को स्वीकार करने की आदत से पीड़ा हुआ हताशा में कमी लाकर अपने जीवन में खुशियां भरी जा सकती हैं। यदि आप कामकाजी महिला हैं तो भी और घरेलू है तो भी बैठ की बातों को महात्मा देकर अपना समय व ध्यान उच्च रचनात्मक और मनोरंजन कार्यों की ओर लगए जिसमें आपकी रुचि हो इससे बोरियत एवंअकेलापन दोनों दूर होंगे और तनाव या अवसाद में गिरने के नौबत ही नहीं आएगी।
प्रत्येक व्यक्ति की अलग-अलग पहचान होती है। जीवन जीने का अलग ढंग होता है। सभी व्यक्ति समान विचार हुआ एक जैसे तार तरीके वाले ही हो, यह किसी तरह संभव नहीं हो सकता है। अतः किसी से भी कोई उम्मीद ना करके जीवन को सच्चाइयों एवं वास्तविकताओं को समझ कर उनके अनुरूप व्यवहार रखें। इस विचार से संदेश स्वयं को कुंठित होने से बचाया जा सकता है। तो अपने जीवन से सारे नकारात्मक विचारों को हटा दें।
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