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वर्तमान समय में ऐसा कोई व्यक्ति नहीं है जिसके जीवन में निराशा,परेशानियां, जैसी चीजें ना हो यदि किसी व्यक्ति के जीवन में परेशानियां और निराशा आ जाती है तो उसका जीवन बिल्कुल परेशानियों से भर जाता है ऐसे में आज हम आपको बताएंगे कि आप अपने जीवन से निराशा को दूर कैसे कर सकते हैं। अपने जीवन से निराशा को दूर करने के लिए आप खुद को ऐसे कामों में लगा दे कि आपका ध्यान आपकी परेशानियों से हट जाए और धीरे-धीरे करके आप निराशा को कम कर सकते हैं अपने परिवार जनों के साथ बैठकर बातें करें इससे निराशा को कम किया जा सकता है।
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हर एक व्यक्ति सुखी जीवन जीने के लिए बहुत से सपने देखता और यदि उनके सपने अधूरे रह जाते है, तो वह व्यक्ति ख़ुद को बेबस, लाचार, दोषी समझने लगता और अपने जीवन मे निराश रहता है, तो ऐसे मे आप अपने जीवन मे चिड़चिड़ापन, निराशा, उदासी को हमेशा के लिए अपने आप से दूर करने के लिए आप खुद को किसी ना किसी काम मे व्यस्त रखे ताकि आपका ध्यान उस चीज मे ना जाये।
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आप आपने जीवन से हमेशा के लिए निराशा को दूर करना चाहते है, तों आपने परिवार वालो के साथ खाली टाइम समय व्यतीत करे क्योकि जीवन मे निराशा तभी आती है ज़ब आप परेशान होते है और अकेले बैठकर कुछ न कुछ सोचते रहते है। क्योकि कहावत बनी है कि खाली दिमाग सैतान का घर होता है, ज़ब आप खाली रहते है तों अकेले मे कोई न कोई बात को लेकर टेंशन मे रहते ही है तों इससे अच्छा है कि आप परिवार वालो के साथ थोड़ा समय व्यतीत करेंगे तों आपके जीवन की निराशा दूर हो जाएगी।
इसके अलावा यदि आप किसी बात को लेकर निराश रहते है तों ऐसे मे आप आपने दोस्तों के साथ कही बाहर घूमने के लिए जाये आपका मन हल्का होगा और आप खुद मे आपने आप मे ताजगी महसूस करेंगे।
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किसी भी समस्या का हल उसे पीठ मोड लेने इसमें नहीं बल्कि उसका सामना हिम्मत के साथ करने में है। परेशानियां सभी के सामने आते हैं लेकिन उनसे डर कर या घबरा कर खुद को तनाव के अंधेरों से घेर लेना गलत है। याद रखें तेरी जीवन चर्या से यूपी की परिस्थितियों के फल स्वरुप मिली मानसिक उथल-पुथल पर काबू पाकर आप हर मुश्किल को आसान बना सकते हैं। इसलिए निराशा में डूबने की वजह आशा के साथ तैयार किनारा ढूंढे।
यह सत्य है कि मनुष्य के पारिवारिक एवं सामाजिक जीवन में समस्या अंतहीन होते हैं, बल्कि समस्याएं घटना के बजाय बढ़ जाती हैं।साथ ही तनाव व दवा व्यक्ति के शरीर को रोगी बना देता है उसे खोखला करने में कोई कसर बाकी नहीं रखता। लंबे समय तक तनाव ग्रस्त या कुंठाग्रस्त जीवन व्यतीत करते हुए व्यक्ति मानसिक विकृति की स्थिति में आ सकता है।और उस स्थिति में वह कोई गलत कदम भी उठा सकता है। अतः अपने आप को इस स्थिति से छुटकारा दिलाना अत्यंत आवश्यक है।
निराशा, असफलता एवं हताशा को नकार कर थोड़ी सी व्यावहारिक सूझबूझ व वास्तविकता को स्वीकार करने की आदत से पीड़ा हुआ हताशा में कमी लाकर अपने जीवन में खुशियां भरी जा सकती हैं। यदि आप कामकाजी महिला हैं तो भी और घरेलू है तो भी बैठ की बातों को महात्मा देकर अपना समय व ध्यान उच्च रचनात्मक और मनोरंजन कार्यों की ओर लगए जिसमें आपकी रुचि हो इससे बोरियत एवंअकेलापन दोनों दूर होंगे और तनाव या अवसाद में गिरने के नौबत ही नहीं आएगी।
प्रत्येक व्यक्ति की अलग-अलग पहचान होती है। जीवन जीने का अलग ढंग होता है। सभी व्यक्ति समान विचार हुआ एक जैसे तार तरीके वाले ही हो, यह किसी तरह संभव नहीं हो सकता है। अतः किसी से भी कोई उम्मीद ना करके जीवन को सच्चाइयों एवं वास्तविकताओं को समझ कर उनके अनुरूप व्यवहार रखें। इस विचार से संदेश स्वयं को कुंठित होने से बचाया जा सकता है। तो अपने जीवन से सारे नकारात्मक विचारों को हटा दें।
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