पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के रिश्ते एक बार फिर से बिगड़ चुके है। पुरे देश में पाकिस्तान के खिलाफ आक्रोश है और उस से सारे रिश्ते ख़त्म करने की बाते हो रही है। कुछ लोगो ने तो पाकिस्तान के साथ जो जल संधि हुई है 1960 में उसे भी तोड़ देने का समर्थन किया है और इसी लिए यह जानना बेहद जरूरी है की क्या ऐसे कदम से पाकिस्तान को कोई फर्क पडेगा?
सौजन्य: जी के टुडे
भारत की और से पाकिस्तान में बहनेवाली 6 नदियाँ है जिस में झेलम, चिनाब, रावी, सतलज, बियास और सिंधु शामिल है। जलसंधि के अनुसार भारत इन में से तीन नदियाँ के पानी का पूरा इस्तेमाल करता है और बाकी की तीन नदियों के पानी से ६ प्रतिशत पानी का इस्तेमाल करता है। यही तीन नदियों के पानी की वजह से पाकिस्तान के पूर्व पंजाब और बलूचिस्तान में कृषि संभव होती है।
अगर इन नदियों के पानी के बहाव को बदल दिया जाए तो पाकिस्तान के इन क्षेत्रो की कृषि पुरे रूप से बर्बाद हो सकती है। हालांकि भारत के लिए इन नदियों के बहाव को बदलना या रोकना एवं जल संधि को तोड़ना इतना आसान नहीं है और इस के लिए काफी सारे कदम उठाने पड़ सकते है जिस में काफी समय और संसाधन लगाने पड़ सकते है।