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यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) भारत में डिजिटल भुगतान प्रणाली का एक क्रांतिकारी कदम है, जिसने वित्तीय लेन-देन को सरल, तेज़ और सुविधाजनक बनाया है। भारतीय रिजर्व बैंक और नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) द्वारा विकसित यह प्रणाली न केवल भारत में बल्कि अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी लोकप्रिय हो रही है। भारत के बाहर भी कई देशों में यूपीआई के माध्यम से भुगतान किया जा सकता है या इसका उपयोग बढ़ रहा है। इस लेख में, हम विस्तार से उन देशों के बारे में चर्चा करेंगे जहाँ यूपीआई का उपयोग किया जाता है और इसकी संभावनाओं के बारे में बात करेंगे।
भारत में यूपीआई ने इतनी सफलता प्राप्त की है कि यह अन्य देशों के लिए भी एक प्रेरणा बन गया है। भारतीय सरकार और एनपीसीआई ने इस तकनीक को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ले जाने की दिशा में कदम उठाए हैं। यूपीआई की वैश्विक पहुंच निम्नलिखित कारणों से बढ़ रही है:
सहज और सुरक्षित प्रणाली: यूपीआई की प्रणाली उपयोगकर्ता के मोबाइल नंबर, बैंक खाते और वर्चुअल पेमेंट एड्रेस (VPA) को जोड़कर कार्य करती है, जो इसे सरल और सुरक्षित बनाती है।
त्वरित लेन-देन: यूपीआई के माध्यम से तुरंत पैसा भेजा या प्राप्त किया जा सकता है, जिससे यह छोटे और बड़े व्यापारियों के लिए आदर्श बन गया है।
मूल्य वर्धन: यूपीआई लेन-देन पर कम शुल्क लगाता है, जो इसे अन्य डिजिटल भुगतान माध्यमों के मुकाबले किफायती बनाता है।
हालांकि यूपीआई भारत में मुख्य रूप से उपयोग होता है, इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई देशों में भी अपनाया जा रहा है या अपनाने की प्रक्रिया में है। इनमें से कुछ प्रमुख देश हैं:
सिंगापुर: सिंगापुर यूपीआई को अपनाने वाले शुरुआती देशों में से एक है। भारत और सिंगापुर के बीच एक समझौते के तहत, यूपीआई और सिंगापुर की पेमेंट प्रणाली PayNow को जोड़ दिया गया है। अब दोनों देशों के उपयोगकर्ता एक-दूसरे को आसानी से धन भेज और प्राप्त कर सकते हैं। यह खासकर प्रवासी भारतीयों और सिंगापुर में रहने वाले भारतीय नागरिकों के लिए उपयोगी है।
संयुक्त अरब अमीरात (UAE): यूएई में बड़ी संख्या में प्रवासी भारतीय रहते हैं, जो भारत में धन भेजने के लिए यूपीआई का उपयोग करते हैं। कई बैंक और भुगतान प्लेटफॉर्म यूपीआई के साथ जुड़ गए हैं, जिससे भारतीय लोगों को अपने परिवार को पैसे भेजने में सुविधा मिलती है।
भूटान: भूटान यूपीआई को अपनाने वाले पहले देशों में से एक था। यहां व्यापारियों और उपभोक्ताओं के लिए यूपीआई भुगतान प्रणाली का उपयोग व्यापक स्तर पर हो रहा है। भूटान के स्थानीय बैंक भारतीय यूपीआई प्रणाली के साथ काम कर रहे हैं।
नेपाल: नेपाल में भी यूपीआई का उपयोग बढ़ रहा है। भारत के साथ घनिष्ठ आर्थिक संबंधों के कारण, यूपीआई को नेपाल में कई व्यापारिक लेन-देन के लिए उपयोग में लाया गया है।
मलेशिया: मलेशिया में यूपीआई को अपनाने की प्रक्रिया जारी है। वहां के कई भुगतान प्लेटफॉर्म भारतीय यूपीआई को एकीकृत कर रहे हैं ताकि प्रवासी भारतीय आसानी से भुगतान कर सकें।
भारत सरकार और एनपीसीआई अन्य देशों में यूपीआई को लोकप्रिय बनाने के लिए काम कर रहे हैं। संभावित देशों में शामिल हैं:
संयुक्त राज्य अमेरिका (USA): अमेरिका में बड़ी संख्या में भारतीय प्रवासी रहते हैं, और यूपीआई का उपयोग वहाँ की बैंकिंग प्रणाली के साथ जुड़कर बढ़ सकता है।
यूनाइटेड किंगडम (UK): भारतीय समुदाय के व्यापार और भुगतान आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए यूपीआई को यूके में लोकप्रिय बनाने की कोशिश हो रही है।
ऑस्ट्रेलिया: भारतीय छात्रों और प्रवासियों की बड़ी संख्या के कारण, यूपीआई ऑस्ट्रेलिया में उपयोगी साबित हो सकता है।
यूपीआई को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लागू करने में कई चुनौतियाँ भी हैं:
स्थानीय नियामक बाधाएँ: हर देश के अपने नियम और नीतियाँ होती हैं, जिन्हें यूपीआई के अनुरूप बनाना आसान नहीं होता।
प्रौद्योगिकी एकीकरण: अलग-अलग देशों की भुगतान प्रणाली के साथ यूपीआई का तकनीकी समावेश चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
सुरक्षा: अंतरराष्ट्रीय लेन-देन के दौरान डेटा की सुरक्षा सुनिश्चित करना एक बड़ा मुद्दा है।
यूपीआई की अंतरराष्ट्रीय उपस्थिति न केवल भारत के लिए बल्कि विश्व के लिए भी लाभकारी है:
प्रवासी भारतीयों को सुविधा: विदेश में रहने वाले भारतीय नागरिक अपने देश में पैसा भेजने के लिए यूपीआई का उपयोग आसानी से कर सकते हैं।
वैश्विक व्यापार: यूपीआई से अंतरराष्ट्रीय व्यापार को तेज़ और सरल बनाया जा सकता है।
वित्तीय समावेशन: यूपीआई की सरलता और कम लागत इसे छोटे व्यापारियों और उपभोक्ताओं के लिए आदर्श बनाती है।
यूपीआई ने न केवल भारत में डिजिटल भुगतान में क्रांति लाई है, बल्कि इसकी वैश्विक पहुंच भी लगातार बढ़ रही है। सिंगापुर, यूएई, भूटान, नेपाल और मलेशिया जैसे देशों में इसका उपयोग दिखाता है कि यूपीआई विश्व स्तर पर स्वीकार्य बन रहा है। हालांकि, इसे अन्य देशों में लागू करने के लिए भारत को तकनीकी, सांस्कृतिक और कानूनी चुनौतियों का सामना करना होगा। यूपीआई की वैश्विक सफलता भारत की वित्तीय प्रौद्योगिकी का प्रभाव और नवाचार को दर्शाती है, और इसका भविष्य उज्ज्वल दिखता है।
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