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Shikha Patel

| पोस्ट किया |


मानव शरीर में पाचन का अधिकांश भाग किस अंग में संपन्न होता है?


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मानव शरीर में पाचन की प्रक्रिया एक जटिल और महत्वपूर्ण कार्य है जो हमें जीवन के लिए आवश्यक पोषक तत्वों को प्राप्त करने में मदद करती है। पाचन का अधिकांश भाग हमारे शरीर के विभिन्न अंगों में संपन्न होता है, लेकिन इसका मुख्य और सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा आंतों में होता है। इस लेख में हम मानव शरीर में पाचन की प्रक्रिया को विस्तार से समझेंगे और जानेंगे कि पाचन का अधिकांश भाग किस अंग में संपन्न होता है।

 

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पाचन की प्रक्रिया का अवलोकन

पाचन की प्रक्रिया भोजन के मुंह से शरीर में प्रवेश करने के साथ शुरू होती है और अंत में आंतों में समाप्त होती है। यह प्रक्रिया एक क्रमबद्ध तरीके से होती है, जिसमें विभिन्न अंगों की भूमिका होती है। पाचन के दौरान भोजन को छोटे-छोटे अंशों में तोड़ा जाता है ताकि शरीर उसे अवशोषित कर सके और उसे ऊर्जा, विकास और अन्य कार्यों के लिए इस्तेमाल कर सके। पाचन का मुख्य उद्देश्य है – भोजन से पोषक तत्वों को निकालना, जो शरीर की कोशिकाओं के लिए आवश्यक होते हैं।

 

पाचन में महत्वपूर्ण अंग

मानव शरीर में पाचन के लिए कई अंग जिम्मेदार होते हैं, जिनमें मुंह, अन्ननलिका (oesophagus), पेट, छोटी आंत, बड़ी आंत, और यकृत (liver) शामिल हैं। इन अंगों के बीच समन्वय से पाचन की प्रक्रिया पूरी होती है। अब हम प्रत्येक अंग की भूमिका को समझेंगे।

 

1. मुंह (Mouth)

पाचन की शुरुआत मुंह से होती है। जब हम भोजन मुँह में डालते हैं, तो यह पहले शारीरिक रूप से चबाया जाता है, ताकि वह छोटे टुकड़ों में टूट जाए। चबाने की प्रक्रिया में दांत और जीभ की मदद ली जाती है। साथ ही, सलाइवा (लार) में मौजूद एंजाइम (अमाइलेज) भोजन को रासायनिक रूप से भी तोड़ने का काम करता है। सलाइवा starch (कार्बोहाइड्रेट) को तोड़ने में मदद करता है। इस प्रकार मुंह में पाचन की प्रारंभिक प्रक्रिया संपन्न होती है।

 

2. अन्ननलिका (Oesophagus)

मुंह से भोजन गले के रास्ते होते हुए अन्ननलिका (oesophagus) में पहुंचता है। यहां पाचन की कोई रासायनिक क्रिया नहीं होती है, लेकिन भोजन की यांत्रिक गति, जो कि "परिस्तालसिस" के नाम से जानी जाती है, से भोजन को पेट में भेजा जाता है। यह प्रक्रिया स्वचालित होती है और तंत्रिका तंत्र द्वारा नियंत्रित होती है।

 

3. पेट (Stomach)

पेट पाचन के लिए एक महत्वपूर्ण अंग है, क्योंकि यहां भोजन का रासायनिक पाचन मुख्य रूप से होता है। पेट में एक विशेष प्रकार का एसिड (HCl) और एंजाइम (पेप्सिन) मौजूद होते हैं, जो प्रोटीन को तोड़ने का काम करते हैं। जब भोजन पेट में आता है, तो पेट की दीवारें उसे मसलती हैं और मिश्रित करती हैं, ताकि वह पाचक रस से मिलकर आसानी से पच सके। यहां पर प्रोटीन का रासायनिक पाचन शुरू होता है।

 

पेट में एक बलगम की परत होती है, जो पेट की दीवारों को एसिड से सुरक्षा प्रदान करती है। पेट में भोजन करीब 3-4 घंटे तक रहता है, और तब तक वह एक गाढ़े मिश्रण में बदल जाता है जिसे "चाइम" कहा जाता है। चाइम धीरे-धीरे छोटी आंत में प्रवेश करता है।

 

4. छोटी आंत (Small Intestine)

अब बात करते हैं मानव शरीर में पाचन के मुख्य अंग की, जो है छोटी आंत। छोटी आंत में पाचन की अधिकांश प्रक्रिया होती है, और यही वह अंग है जहाँ शरीर के लिए आवश्यक पोषक तत्वों का अवशोषण किया जाता है। छोटी आंत तीन भागों में विभाजित होती है: डुओडेनम (Duodenum), jejunum, और ileum।

 

डुओडेनम में पाचन की प्रमुख क्रियाएँ होती हैं। यहाँ पर यकृत (liver) और पित्ताशय (gall bladder) से यौगिक (bile) और अग्न्याशय (pancreas) से पाचक रस (pancreatic juice) आते हैं, जो भोजन को तोड़ने में मदद करते हैं। पित्त, वसा को तोड़ने में मदद करता है, जबकि पाचक रस में मौजूद एंजाइम कार्बोहाइड्रेट्स, प्रोटीन और वसा को छोटे अंशों में विभाजित करते हैं। डुओडेनम में यह सभी पाचक रस मिलकर भोजन को और अधिक पचाते हैं।

 

Jejunum और Ileum में मुख्य रूप से पोषक तत्वों का अवशोषण होता है। यहाँ पर मौजूद सूक्ष्म नलिकाएँ (villi) और माइक्रोविलि (microvilli) भोजन के पोषक तत्वों को अवशोषित करती हैं। कार्बोहाइड्रेट्स को ग्लूकोज में, प्रोटीन को अमीनो एसिड में और वसा को फैटी एसिड और ग्लिसरोल में तोड़ा जाता है। इन अवशोषित पोषक तत्वों को रक्त और लिम्फ प्रणाली द्वारा शरीर के विभिन्न अंगों में पहुँचाया जाता है, जहाँ इनका उपयोग ऊर्जा, निर्माण और पुनर्निर्माण के लिए किया जाता है।

 

5. बड़ी आंत (Large Intestine)

पेट और छोटी आंत से आने के बाद अवशिष्ट सामग्री बड़ी आंत में पहुँचती है। बड़ी आंत का मुख्य कार्य पानी और खनिजों का अवशोषण करना है। यहां पर पाचन की क्रिया कम होती है, लेकिन इस हिस्से में बैक्टीरिया की मदद से कुछ बाकी बची हुई सामग्री का किण्वन होता है, जिससे विटामिन K और कुछ अन्य विटामिन का निर्माण होता है। बड़ी आंत में सूक्ष्म जीवाणु अवशिष्ट भोजन को किण्वित करते हैं और कुछ पोषक तत्वों का निर्माण करते हैं, जो शरीर के लिए लाभकारी होते हैं।

 

अंत में, बड़ी आंत से निष्कासित सामग्री मल के रूप में शरीर से बाहर निकल जाती है।

 

पाचन में यकृत और अग्न्याशय की भूमिका

यकृत और अग्न्याशय भी पाचन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यकृत भोजन के पाचन में सीधे तौर पर शामिल नहीं होता, लेकिन यह पित्त का निर्माण करता है, जो वसा के पाचन के लिए आवश्यक है। यकृत के द्वारा पित्त का निर्माण होता है, जो पित्ताशय में संग्रहित रहता है और बाद में छोटी आंत में प्रवाहित होता है।

 

अग्न्याशय पाचक एंजाइमों का स्रोत है, जो भोजन को पचाने में मदद करते हैं। अग्न्याशय के एंजाइमों में amylase, lipase, और protease शामिल हैं, जो क्रमशः कार्बोहाइड्रेट्स, वसा और प्रोटीन को पचाते हैं।

 

निष्कर्ष

सारांश में, मानव शरीर में पाचन का अधिकांश भाग छोटी आंत में संपन्न होता है। यहां पर भोजन का अंतिम पाचन होता है और पोषक तत्वों का अवशोषण भी। हालांकि, पाचन की प्रक्रिया मुंह, पेट, और बड़ी आंत में भी होती है, लेकिन छोटे आंत के भीतर पाचन की पूरी प्रक्रिया संपन्न होती है, जहाँ अधिकांश पोषक तत्वों को अवशोषित किया जाता है। इसलिए, यह अंग पाचन प्रक्रिया का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है।

 


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