Mechanical engineer | पोस्ट किया |
Student-B.Tech in Mechanical Engineering,Mit Art Design and Technology University | पोस्ट किया
इनकम टैक्स, केन्द्र सरकार का एक ऐसा टैक्स है जिसे देश भर में सिर्फ 3 प्रतिशत लोग ही चुकाते हैं। आयकर रिटर्न दाखिल करना काफी कठिन माना जाता है। ज्यादातर लोग आखिरी वक्त में ही टैक्स भरते हैं।
ढाई लाख रुपए तक की आय को आयकर से छूट मिली हुई है। आप सेक्शन 80C के तहत डेढ़ लाख रुपए की कटौती का दावा कर सकते हैं। इस धारा के अनुसार कई निवेशों जैसे- पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF), टैक्स सेविंग इक्विटी म्युचुअल फंड्स और टैक्स सेविंग फिक्स्ड डिपॉजिट के जरिए टैक्स बचाया जा सकता है। आप इस धारा के तहत होम लोन के मूल धन पर किए गए भुगतान को टैक्स छूट के दायरे में लाने का दावा कर सकते हैं। अगर आपने होम लोन ले रखा है तो आप ब्याज के भुगतान पर दो लाख रुपए तक की कटौती का दावा कर सकते हैं। या फिर अगर आपकी कंपनी आपको हाउस रेंट अलाउंस (HRA) देती है तो भी आप कटौती का दावा कर सकते हैं। HRA के लिए इन तीन में न्यूनतम का दावा किया जा सकता है:
नियोक्ता द्वारा दिया गया HRA , आपके द्वारा दिया जाने वाला वास्तविक किराए में बेसिक सैलरी का 10 प्रतिशत घटाने के बाद बची राशि और मेट्रो में रहने पर सैलरी का 50 प्रतिशत, गैर-मेट्रो शहरों में रहने पर वेतन का 40 प्रतिशत|
अगर आप रोजगार की वजह से किसी दूसरे शहर में रहते हैं तो आप HRA और होम लोन, दोनों पर कटौती का दावा कर सकते हैं।
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