कोरोनावायरस महामारी की वजह से पिछले दो महीने में 3.3 करोड़ से ज्यादा अमेरिकियों की नौकरी चली गई है. कोरोना की वजह से अमेरिका में आर्थिक गतिविधियां ठप पड़ गई हैं. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और वर्ल्ड बैंक ने अमेरिका की वृद्धि दर नकारात्मक यानी शून्य से नीचे रहने का अनुमान जताया है.लॉकडाउन के कारण बेरोजगारी दर रिकॉर्ड उच्च स्तर पर है.
क्रोना वायरस ने दुनिया के तमाम देशों को अपने आगे घुटने टेकने को मजबूर कर दिया है बात अर्थव्यवस्था की हो या नौकरियों की इस वक्त बुरा हाल है. कोई देश अपने नागरिकों और अपने देश के हित के लिए ही सोचेगा....
अमेरिका ने H1B वर्क विजा पर रोक लगाने की कवायद तेज कर दी है. यह वीजा भारतीय आईटी पेशवरों के बीच खासा लोकप्रिय है. इसके साथ-साथ स्टूडेंट वीजा और काम करने की अनुमति पर भी अस्थायी रूप से रोक लगाने की तैयारी चल रही है. इस आदेश के तहत, नए अस्थायी, कार्य-आधारित वीजा जारी करने पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है. इसमें कहा गया है कि H-2B वीजा पर भी प्रतिबंध लगाया जा सकता है.इसके साथ-साथ स्टूडेंट वीजा और इन वीजा के साथ मिलने वाले कार्य अनुमति पर केंद्रित हो सकता है.
क्या है H-1B और H-2B वीजा
H-1B वीजा एक गैर प्रवासी वीजा है, जो अमेरिकी कंपनियों को विदेशी पेशेवरों को कुछ खास व्यवसायों में नियोजित करने की अनुमति देता है. भारतीय आईटी पेशेवरों के बीच इसकी काफी अधिक मांग है. अमेरिका में इस वीजा पर करीब 5,00,000 प्रवासी लोग काम कर रहे हैं.
H-2B वीजा कुछ खास समय के लिए काम करने के लिए दिये जाने वाला वीजा है.
