गंजेपन से निजात पाने के लिए हेयर ट्रांसप्लांट एक कॉमन ऑप्शन है, खासकर तब जबकि और सभी उपाय बाल उगाने में कामयाब न हुए हों। हेयर ट्रांसप्लांट कराने से पहले आपके लिए उससे जुड़े खतरे और प्रभावों के बारे में जान लेना ज्यादा जरूरी होता है। ऐसा न करने पर वही होता है जो हैदराबाद के एक शख्स के साथ हुआ।
तेलंगाना के तारिक खुसरो ने तकरीबन 1,25,000 रूपए खर्च कर हेयर ट्रांसप्लांट करवाया जिसके बाद उनके आंखों की रोशनी चली गई। इसके बाद तारिक ने डॉक्टर पर केस दर्ज करा दिया है। लेकिन सच्चाई ये है कि किसी भी तरह के सर्जिकल प्रसीजर के साथ कुछ रिस्क्स जरूर जुड़े होते हैं। हेयर ट्रांसप्लांटेशन के साथ भी ऐसा ही है। आज हम आपको हेयर ट्रांसप्लांटेशन के कुछ साइड इफेक्ट्स के बारे में बताने वाले हैं। हेयर ट्रांसप्लांटेशन से पहले इस बारे में जान लेना आपके लिए बेहद जरूरी होता है।
1. हेयर ट्रांसप्लांटेशन के बाद शरीर के जिस अंग से बालों की जड़ें निकालकर प्रभावित जगह पर लगाई जाती हैं उन अंगों के सुन्न हो जाने की समस्या सामने आती है। यह तीन से 18 हफ्तों तक रहती है। अगर 18 हफ्तों के बाद भी उस अंग की सुन्नता खत्म न हो तो आपको तुरंत डॉक्टर से सलाह लेना चाहिए।
2. हेयर ट्रांसप्लांटेशन की वजह से लगातार ब्लीडिंग की भी समस्या सामने आती है। केश प्रत्यारोपण के 100 में एक मामले में यह समस्या होती है। कुछ मामलों में यह सामान्य है और कुछ ही दिन बाद ब्लीडिंग बंद हो जाती है।
3. स्किन टोन खराब होने की वजह से केश प्रत्यारोपण के बाद सिर में सूजन की शिकायत भी आ सकती है। सूजन ज्यादा बढ़ने पर यह आंखों और माथे पर साफ दिखाई देने लगती है। ऐसे में तुरंत डॉक्टर्स से मिलकर इसका समाधान किया जा सकता है।
4. केश प्रत्यारोपण से अल्सर होने की भी संभावना होती है। जब बालों की जड़ें डैमेज हो जाती हैं और त्वचा में अंदर तक धंस जाती हैं तब अल्सर होता है। यह घातक तो नहीं होता लेकिन अल्सर होने पर डॉक्टर को दिखाना जरूरी होता है।
5. हेयर ट्रांसप्लांटेशन में जब सिर पर बाल लगाया जाता है तब कई बार ऐसा होता है कि बाल ठीक तरह से नहीं लग पाते। ऐसे में यह बाद में पतले होकर झड़ना शुरू कर देते हैं। ऐसे में एक samay फिर गंजेपन से पाला पड़ सकता है।