आज गणेश चतुर्थी है और इनकी पूजा तो खास ही होती है क्योकि शंकर के एक वरदान के आधार पर जब भी कोई पूजा शुरू होती है या घर में किसी भी प्रकार का मंगल कार्य होता है तो सर्व प्रथम गणेश जी का आवाहन किया जाता है | शास्त्रों के अनुसार ज्येष्ठ मास की गणेश चतुर्थी का विशेष महत्व है। भारतीय पंचांग के अनुसार पूर्णिमा के बाद पड़ने वाली चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी या विनायक चतुर्थी कहा जाता है।
वैसे तो माना गया है कि गणेश जी की पूजा करने से इंसान को धन-संपत्ति ,रिद्धि-सिद्धि की और संतोष की प्राप्ति होती है | क्योकि गणेश जी खुद धन-संपत्ति और भाग्य के दाता है ,और उनकी पत्नी रिद्धि-सिद्धि और उनकी बेटी संतोषी ,गणेश जी के पूजन से सब कुछ प्राप्त होता है | परन्तु उसके लिए जरुरी है कि आप गणेश जी का पूजन सही और विधि पूर्वक करे | गणेश जी कि पूजन विधि वैसे तो आसान है ,परन्तु आपको बताते है ,आज के दिन किस प्रकार आप पूजा कर सकते है |
गणेश चतुर्थी के दिन सुबह उठकर स्नान करे,और गणेश जी की मिट्टी या बालू की प्रतिमा बनाएं अथवा खरीदकर लाएं। आज का व्रत बहुत ही महत्वपूर्ण होता है | फिर मध्याह्न काल में एक पाटे पर लाल कपड़ा बिछाकर गणेश जी छोटी प्रतिमा को स्थापित करें। इसके बाद कलश स्थापित करे और विधि-विधान से उनकी पूजा करें और कथा पढ़ें। गणेश जी को मोदक का भोग लगाकर आरती आदि करें।
गणेश जी का पूजन करते समय इन 10 नामों को पढ़ते हुए 21 दुर्वा उन पर जरूर चढ़ाना चाहिए। गणेश जी को दूर्वा चढ़ाना चाहिए ,क्योकि इसकी बहुत मान्यता है | गणेश चतुर्थी के दिन इन मंत्रों के गणेश भगवान् का पूजन करे ,गणेश जी अपने भक्तों को आशीर्वाद देते हैं। साथ ही भक्तों के कष्टों को दूर कर उनके जीवन में खुशियां भरते हैं।
ॐ गणाधिपाय नम, ॐ उमापुत्राय नम, ॐ विघ्ननाशनाय नम, ॐ विनायकाय नम, ॐ ईशपुत्राय नम, ॐ सर्वसिद्धिप्रदाय नम, ॐ एकदंताय नम, ॐ इभवक्ताय नम, ॐ मूषकवाहनाय नम, ॐ कुमारगुरवे नमः।