अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने जो दावा किया है वो बिलकुल ही समझ से बाहर हैं. कोरोना वायरस की दवा को लेकर उनहोने दावा किया गया था कि हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन और एज़िथ्रोमाइसिन के कॉम्बिनेशन को अमरीका के फ़ूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने अप्रूव कर दिया है.
ट्रंप के इस बयान के बाद 21 मार्च को ही अमरीका के सेंटर फॉर डिज़ीज़ कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) ने एक रिपोर्ट जारी की.इस रिपोर्ट में सीडीसी ने बताया कि कोविड-19 के मरीज़ों के लिए एफ़डीए ने कोई दवा अब तक अप्रूव नहीं की है.क्लोरोक्विन और हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन दवाओं के कुछ नकरात्मक असर भी हैं. इनके इस्तेमाल के साथ कुछ मरीज़ों को खास सलाह दी जानी चाहिए. इनके इस्तेमाल से किडनी फ़ेल होने औऱ दिल से जुड़ी परेशानियों की संभावना रहती हैं.
भारत में भी आईसीएमआर ने हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन को तय शर्तों के साथ इस्तेमाल करने की बात कही है.सीडीसी का कहना है कि अमरीका में हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन के कुछ क्लीनिकल टेस्ट की योजनाएं तैयार हैं और जल्द ही ये प्रक्रिया शुरू हो जाएगी.
इस दवा को लेकर भारत के हालात -
भारत में ICMR ने एक प्रेस रिलीज जारी की और 'नेशनल टास्क फोर्स कोविड-19 का गठन किया गया है. हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन दवा वहीं ले सकते हैं जो कोविड-19 के ज्यादा जोखिम में हों.अस्पताल में काम करने वाले वो कर्मी जो कोरोना वारयस से संक्रमित मरीज का इलाज कर रहे हों या जिनके घर कोई किसी शख्स को कोरोना पॉजिटिव पाया गया हो तो उससे संपर्क में रहने वाले भी इस दवा का सेवन कर सकता है.ये दवा मान्यता प्राप्त डॉक्टर की सलाह पर ही दी जाएगी.