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parvin singh

Army constable | पोस्ट किया | शिक्षा


क्या एलियंस ने कैलाश मंदिर, एलोरा बनाया? सच्चाई जानें


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भारत के ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों में कैलाश मंदिर, एलोरा एक प्रमुख स्थान पर स्थित है। यह मंदिर एलोरा की गुफाओं में स्थित है और अपनी स्थापत्य कला और इतिहास के लिए प्रसिद्ध है। हाल के वर्षों में, इसके निर्माण के पीछे एलियंस की भूमिका को लेकर कई अटकलें और कहानियाँ सुनी जा रही हैं। क्या वास्तव में एलियंस ने कैलाश मंदिर का निर्माण किया था? इस लेख में हम इस विषय की गहराई से जांच करेंगे और सच्चाई का पता लगाएंगे।

कैलाश मंदिर का परिचय
कैलाश मंदिर, एलोरा, महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में स्थित है। यह मंदिर एलोरा की गुफाओं के परिसर में बना हुआ है और इसे गुफा नंबर 16 के रूप में जाना जाता है। यह मंदिर हिंदू धर्म के प्रमुख देवता शिव को समर्पित है और इसे 8वीं सदी के आसपास रेशम और पत्थर से उकेरा गया माना जाता है। इसका निर्माण किल्ली पर आधारित है और यह विश्व के सबसे बड़े एकल चट्टान मंदिरों में से एक है।

 

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कैलाश मंदिर की वास्तुकला

कैलाश मंदिर की वास्तुकला अद्वितीय है। इसे एक ही चट्टान को काटकर बनाया गया है, जिसमें मंदिर, आंगन, और विभिन्न मंडपों को पूरी तरह से तैयार किया गया है। इस मंदिर के निर्माण की विशेषता इसका विशालकाय आकार और जटिल शिल्पकारी है, जो उस समय की उन्नत तकनीकी कौशल को दर्शाता है। इसमें बने 16 कक्ष, एक विशाल आंगन और मंदिर की संरचना इसे अद्वितीय बनाते हैं।

एलियंस की भूमिका: एक साजिश या वास्तविकता?
कैलाश मंदिर के निर्माण को लेकर कुछ लोगों का दावा है कि यह एलियंस द्वारा बनाया गया था। इस विचार के पीछे कुछ प्रमुख कारण हैं:

  1. असाधारण निर्माण तकनीक: कैलाश मंदिर की निर्माण विधि अत्यंत जटिल है। चट्टान को काटकर इस तरह की संरचना तैयार करना, उस समय की तकनीक के हिसाब से बहुत ही कठिन माना जाता है। कुछ लोग इस बात को लेकर अचंभित हैं कि क्या उस समय की मानवता इतनी उन्नत तकनीक की महारत हासिल कर सकती थी।

  2. स्थापत्य कला की अद्वितीयता: कैलाश मंदिर की शिल्पकला और डिजाइन अत्यंत अद्वितीय हैं। इसके निर्माण में इस्तेमाल की गई तकनीक और सटीकता ने लोगों को यह सोचने पर मजबूर किया कि क्या इसके निर्माण के पीछे कोई बाहरी शक्ति थी।

  3. प्राचीन ग्रंथ और मिथक: कुछ प्राचीन ग्रंथ और मिथक भी इस बात का संकेत देते हैं कि प्राचीन समय में अन्यworldly शक्तियां मानवता के साथ संपर्क में थीं। इस प्रकार के विचारों ने एलियंस के साथ जुड़ी कहानियों को जन्म दिया।

कैलाश मंदिर

वैज्ञानिक और ऐतिहासिक दृष्टिकोण

कैलाश मंदिर के निर्माण के बारे में वैज्ञानिक और ऐतिहासिक दृष्टिकोण पर ध्यान देना महत्वपूर्ण है। विशेषज्ञों के अनुसार, कैलाश मंदिर का निर्माण प्राचीन भारतीय स्थापत्य कौशल का एक उदाहरण है। इसके निर्माण में इस्तेमाल की गई तकनीकें और औजार उस समय के प्रौद्योगिकी को दर्शाते हैं, जो आधुनिक समाज के लिए अत्यंत उन्नत था।

  1. वास्तुकला और इंजीनियरिंग: कैलाश मंदिर की वास्तुकला और इंजीनियरिंग के अध्ययन से पता चलता है कि इसका निर्माण पुरानी भारतीय वास्तुकला और इंजीनियरिंग के सिद्धांतों के आधार पर किया गया था। इसका डिज़ाइन, कार्यान्वयन और निर्माण की विधियाँ उस समय की मानव शक्ति और तकनीक का प्रमाण हैं।

  2. इतिहास और पुरातात्त्विक साक्ष्य: ऐतिहासिक दस्तावेज और पुरातात्त्विक खोजें यह संकेत देती हैं कि कैलाश मंदिर का निर्माण रास्टरों और चट्टानों की कला और शिल्प के माध्यम से किया गया था। पुरातात्त्विक साक्ष्य और ऐतिहासिक रिकॉर्ड इसे मानव निर्मित स्थल के रूप में प्रमाणित करते हैं।

  3. सांस्कृतिक संदर्भ: भारतीय सांस्कृतिक संदर्भ और धार्मिक ग्रंथ यह दर्शाते हैं कि कैलाश मंदिर की निर्माण विधि भारतीय समाज की कला, संस्कृति, और तकनीक का प्रतिनिधित्व करती है। इसके निर्माण के पीछे किसी बाहरी शक्ति का कोई प्रमाण नहीं है।

मिथकों और वास्तविकता का मेल
कैलाश मंदिर के निर्माण को लेकर कई मिथक और कहानियाँ प्रचलित हैं, जिनमें से कुछ एलियंस से संबंधित हैं। हालांकि, इन मिथकों के पीछे की वास्तविकता को समझना महत्वपूर्ण है। आधुनिक विज्ञान और पुरातत्व की मदद से हम यह जान सकते हैं कि इन निर्माणों के पीछे की असली तकनीक और तरीका क्या था।

  1. मिथक और वास्तविकता: प्राचीन समय में लोगों ने आस्था और विश्वास के आधार पर कई कहानियाँ गढ़ी थीं। इन कहानियों का उद्देश्य सामाजिक और धार्मिक विचारों को व्यक्त करना था। कैलाश मंदिर के बारे में भी यही स्थिति है—इन कहानियों ने इसकी विशेषता और महत्व को बढ़ाया है, लेकिन वास्तविकता इसके निर्माण के पीछे की तकनीकी और सांस्कृतिक उपलब्धियों को दर्शाती है।

  2. सांस्कृतिक दृष्टिकोण: भारतीय संस्कृति में ऐसे अनेक स्थल हैं जो विशेष सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व रखते हैं। कैलाश मंदिर भी इसी प्रकार के स्थल का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। इसके निर्माण की विधि और वास्तुकला भारतीय सभ्यता की कला और विज्ञान का प्रमाण है।

निष्कर्ष
कैलाश मंदिर, एलोरा की अद्वितीयता और उसकी स्थापत्य कला ने इसे एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थल बना दिया है। एलियंस के द्वारा इसके निर्माण के दावे को लेकर किए गए अटकलें और कहानियाँ अद्भुत लग सकती हैं, लेकिन

वास्तविकता यह है कि कैलाश मंदिर का निर्माण मानवता की उच्च तकनीक और स्थापत्य कला का परिणाम है।वास्तविकता यह है कि कैलाश मंदिर का निर्माण प्राचीन भारतीय स्थापत्य कला, इंजीनियरिंग, और धार्मिक श्रद्धा का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। आधुनिक विज्ञान और पुरातत्व के अनुसंधानों ने यह साबित किया है कि इस मंदिर का निर्माण मानव शक्ति और तकनीक द्वारा किया गया था। एलियंस के साथ जुड़ी कहानियाँ अधिकतर मिथक और अटकलें हैं जो कि इस अद्वितीय निर्माण की रहस्यमयता को और बढ़ा देती हैं, लेकिन वास्तविकता में इसका निर्माण प्राचीन भारतीय संस्कृति की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।

कैलाश मंदिर की संरचना और निर्माण की विधि प्राचीन भारतीय समाज की तकनीकी दक्षता और धार्मिक भक्ति का प्रमाण है। यह स्थल न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखता है, बल्कि यह भारतीय स्थापत्य और इंजीनियरिंग की उन्नति को भी दर्शाता है। इसके निर्माण के पीछे की कहानियाँ और मिथक इसके महत्व को समझने में दिलचस्प हो सकते हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि इसका निर्माण मानवता की उपलब्धियों का एक अद्वितीय उदाहरण है।


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amankumarlot@gmail.com | पोस्ट किया


कैलाश मंदिर जो कि एलोरा की गुफाओं में स्थित है,
अपनी खूबसूरती के लिए विश्व प्रसिद्ध है। कई लोगों का मानना है की इस मंदिर का निर्माण एलियंस द्वारा किया गया है। यह मंदिर अपनी अद्भुत वास्तु कला और विशाल संरचना के कारण प्रसिद्ध है। इसी कारण से कई लोगों का मानना है कि मनुष्य के द्वारा निर्माण करना आसान होगा एवं एलियंस ने ही एलोरा की गुफा में स्थित इस मंदिर का निर्माण किया होगा। किन्तु कुछ लोग इस बात को आज भी गलत मानते है। अतः इस बात मे कितनी सच्चाई है इसे जानने के लिए ही आप हमारे आर्टिकल को अंत तक अवश्य पढ़े। आज के आर्टिकल मे हम बताएँगे कि क्या एलियंस ने कैलाश मंदिर एलोरा बनाया।

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दरअसल कैलाश मंदिर का निर्माण
राष्ट्रकूट राजवंश के राजा कृष्ण प्रथम ने करवाया था। एलोरा और अजंता की गुफाओं का नाम एक साथ लिया जाता है किंतु यह दो अलग-अलग गुफाएँ हैं। एलोरा की गुफाओं में कैलाश मंदिर का निर्माण हुआ है जो कि अपनी अद्भुत कला के लिए विश्व विख्यात है। जानकारी के अनुसार इस मंदिर के निर्माण में कुल 18 वर्ष लगे थे और कुल 7000 मजदूरो ने मिलकर इस मंदिर का निर्माण करवाया था।मन्दिर की अद्भुत कलाकृतियाँ मजबूत कौशल कला का एक उदाहरण है। दरअसल इस कैलाश मंदिर का निर्माण एक पहाड़ को काटकर किया गया था। पहाड़ को भीतर से काट कर उस पहाड़ के भीतर कलाकृतियां करके कैलाश मंदिर का निर्माण किया गया था। जिसके कारण ही कैलाश मंदिर अद्भुत प्रतीत होता है एवं इसके अद्भुत निर्माण के कारण लोगों का मानना है कि इस कैलाश मंदिर का निर्माण एलियंस में करवाया है। इस बात में बिल्कुल भी सच्चाई नहीं है। कैलाश मंदिर का निर्माण 7000 मजदूर ने मिलकर अपनी कौशल कला के दम पर किया है और यह मंदिर पूरी तरह से इंसान द्वारा ही बनाया गया है। किसी भी एलियंस ने आकर इस मंदिर का निर्माण नहीं किया था।

एलियंस ने कैलाश मंदिर एलोरा बनाया इस बात का कोई भी ऐतिहासिक या वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। जिससे यह सिद्ध हो पाए। एलियंस द्वारा कैलाश मंदिर का निर्माण किए जाने के बाद बिल्कुल गलत साबित होती है।

जानकारी के लिए बता दे की एलोरा की गुफाओं में कुल 100 से अधिक गुफाएं हैं किंतु इन सब गुफाओं में से केवल 34 गुफाएं ऐसे हैं जो आम जनता के लिए खोले गए हैं। एलोरा की गुफा नंबर 16 में कैलाश मंदिर का निर्माण किया गया है। यह कैलाश मंदिर 300 फीट लंबा, 175 फीट चौड़ा और उसकी ऊंचाई लगभग 100 फीट तक है। इस मंदिर का निर्माण चट्टानों को काटकर किया गया था। उसके कारण ही इसकी खूबसूरती विश्व प्रसिद्ध मानी जाती है। हालांकि एलोरा में स्थित और भी अन्य गुफाओं में चट्टानों को काटकर कलाकृतियों की गई है किंतु कैलाश मंदिर का निर्माण केवल एक ही चट्टान को काटकर किया गया है एवं इस चट्टानों में कोई और चट्टान को जोड़ा नहीं गया है। पूरे मंदिर का निर्माण कलाकृतियां और खूबसूरत नकाशी के जरिए किया गया है जो इस मंदिर की खूबसूरती को बढ़ाता है।

राजा कृष्ण प्रथम के द्वारा निर्माण कराए जाने के कारण पहले इस मंदिर का नाम कृष्णेश्वर रखा गया था। किंतु इस कैलाश मंदिर को पूरे सफेद रंगों से रंग गया है जो की हूबहू कैलाश पर्वत की तरह दिखता है इसलिए इस मंदिर का नाम बदलकर कैलाश मंदिर रख दिया गया। कैलाश मंदिर का निर्माण अद्भुत कलाकृति से किया गया है एवं बड़ी खूबसूरती से इसकी नकाशी की गई है। इसी कारण से सवाल उठा रहा है कि कैलाश मंदिर का निर्माण एलियंस ने कराया था लेकिन वैज्ञानिकों के अनुसार अब यह कहां जा चुका है कि मनुष्य द्वारा ऐसी कलाकृति मुमकिन है हालांकि कुछ ऐसे साक्ष्य है जिसे खोजा जाना अभी बाकी है लेकिन एलियंस ने कैलाश मंदिर एलोरा बनाया यह बात बिल्कुल गलत साबित होती है।


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