जन्माष्टमी की तिथियां ईद की तरह ही अंग्रेजी कैलेंडर में हर साल स्थानांतरित हो रहती हैं। लेकिन इस बार हिन्दू कैलेंडर के अनुसार जन्माष्टमी की तिथि इंग्लिश कैलेंडर की तिथि से बिल्कुल अलग है |
पंडित और ज्योतिषी हमें बताते हैं कि ऐसा इसलिए है क्योंकि कृष्णा जन्माष्टमी का जश्न मनाने वाले दो प्रकार के गुट हैं। ये दो गुट स्म्रत और वैष्णव हैं। तो यह दो तिथियां इन दो गुटों के द्वारा घोषित की गई हैं।
जो लोग पंचदेव, या पांच देवताओं, ब्रह्मा, विष्णु, महेश, गणेश और उमा की पूजा करते हैं, वे स्मराट गुट से संबंधित हैं।
हिंदू पंचांग के अनुसार, भगवान कृष्ण का जन्म मध्यरात्रि में अष्टमी, या भाद मास के कृष्णा पक्ष की आठवीं तारीख पर हुआ था। हिन्दू कैलेंडर के मुताबिक यह समय या मुहूर्त 2 सितम्बर के दिन रात्रि में 8 :47 मिनट के समय पर होगा और इंग्लिश कैलेंडर के मुताबिक यह समय 3 सितम्बर के दिन रात्रि 8 : 4 मिनट पर होगा | यही कारण है की इस वर्ष जन्माष्टमी दो दिन मनाई जायगी |
जन्माष्टमी की ढेरों शुभकामनाएं !