जब भी किसी को सॉफ्टवेयर का निर्माण करने की आवश्यकता होती है, तो कुछ नियम और कुछ प्रक्रियाओं का पालन किया जाता है | इन नियम और प्रक्रियाओं का पालन करने के लिए कुछ दस्तावेज (Document) की आवश्यक होती है | इसलिए, सॉफ्टवेयर का विकास करने के लिए कुछ दस्तावेज हैं जो बहुत ही महत्वपूर्ण है -
1. URS (User Requirements Specification) : URS प्रक्रिया सॉफ्टवेयर के विकास की सभी आवश्यकताओं को दर्शाता है |
2. UI (User Interface) :सॉफ्टवेयर के कुछ pages बनाते हैं और डिज़ाइन किये जाते हैं | इसमें सॉफ़्टवेयर में Error messages occurred या software or pop up messages कई अन्य डिज़ाइन शामिल हैं।
3. SRS (System Requirements Specification) : SRS उपभगकर्ताओं की आवश्यकताओं को परिभाषित करता है | जो उपयोगकर्ता की Requirements और specifications पर निर्भर होता है |
4. STC (System Test Cases) : STC में सॉफ्टवेयर का परिक्षण किया जाता है | जब कोई सॉफ्टवेयर पूरी तरह से बन जाता है तो उसके अगले चरण का परिक्षण होता है उसको STC कहा जाता है |
5. UAT (User Acceptance Testing) : जब सभी सिस्टम परीक्षण सफलतापूर्वक हो जाते हैं, तबउसके बाद, UAT का प्रयोग यह जांचने के लिए किया जाता है कि URS में दिए गए सभी point पूरे हुए हैं या नहीं |
6. DTL (Defect Track Log): DTL में सभी प्रकार के defects और errors को उपयोगकर्ता द्वारा किये गएपरीक्षण के साथ-साथ सिस्टम को टेस्ट करने के समय रिकॉर्ड किया जाता है ताकि कोई भी प्रॉब्लम जल्दी से जल्दी हल की जा सकें |
यह सभी प्रक्रिया पूरी होने के बाद सिस्टम परीक्षण का दूसरा चक्र तय किया जाता है, जिसके लिए उपयोगकर्ता स्वीकृति परीक्षण आयोजित किया जाता है, ताकि यह जांच हो सके कि ग्राहक की जरूरतों को पूरा करने के लिए अब सब कुछ हल हो गया है या नहीं।
और अंत में, सॉफ्टवेयर उपयोग करने के लिए तैयार है।
Translate By :- Letsdiskuss Team