क्या आप बता सकते है कि वास्तु शाश्त्र का...

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| Updated on April 17, 2023 | Astrology

क्या आप बता सकते है कि वास्तु शाश्त्र का प्रभाव बच्चो की पढाई पर भी पड़ता है ?

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@kanchansharma3716 | Posted on March 6, 2018

आज कल जितना लोग अपनी ज़िंदगी मे व्यस्त है उतना ही वो बच्चो कि पढाई को लेकर परेशान है | आज कल बच्चो कि पढाई इतनी मुश्किल हो गए है कि बच्चो के साथ साथ माँ -पिता को भी उनकी पढाई के लिए परेशान होना पड़ता है | और अपनी व्यस्त ज़िंदगी मे माँ -पिता को बच्चो कि पढाई के साथ साथ उनके अन्य खर्चो से परेशान है |
वास्तु दिशानिर्देशों का विज्ञान है और बच्चों की पढ़ाई में तथा अन्य कलात्मक गतिविधियों में श्रेष्ठता प्राप्त करने के लिए इसका महत्त्व है । बच्चों के माता पिताओं ने न सिर्फ स्कूली शिक्षा तथा ट्युशन्स पर ही नहीं बल्कि शिक्षा के लिए वास्तु पर भी अपना ध्यान केंद्रित करना चाहिए । अगर बच्चों की पढ़ाई का कमरा वास्तु अनुरूप नहीं है तो बच्चे को अपनी पढ़ाई में ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई हो सकती है और कुछ विषयों को समझने में मुश्किल हो सकती है ।
बच्चों के पढ़ाई के कमरे में सकारात्मक ऊर्जा होनी चाहिए जिससे अपने हाथ में जो काम है उस पर बच्चों का ध्यान केंद्रित होने में उन्हें मदद मिलेगी । छात्रों को अपनी पढ़ाई में तथा अन्य कलात्मक गतिविधियों में उत्तम लक्ष्यप्राप्ति प्राप्त करने हेतु शिक्षा के लिए वास्तु टिप्स से मदद मिलेगी । कई बार छात्रों के प्रयासों के अच्छे परिणाम नहीं मिलते हैं लेकिन वास्तु बच्चों की इस प्रयास को सहायता करता है और एकाग्रता के स्तर में सुधार करने में मदद कर सकते हैं ।
  • अगर आपके घर के सरस्वती के स्थान मे दोष है तो आपके ज्ञान और शिक्षा पर इसका प्रभाव पड सकता है । व्यवसाय के विकास तथा संपत्ती के निर्माण पर अप्रत्यक्ष रूप से इसका प्रभाव पड़ सकता है ।
  • बिस्तर पर बैठकर पढ़ाई करने से पढ़ाई के दौरान अध्ययन पर एकाग्रता कम हो जाती है इसलिए बिस्तर पर बैठकर पढ़ाई करने से बचें ।
  • वास्तु दिशाओं का विज्ञान है और यह दिशाएँ सिर्फ वस्तुओं पर लागू नहीं होती बल्कि व्यक्तियों पर भी होती है ।

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@snehabhatiya7664 | Posted on August 18, 2018

  1. बच्चे की पढ़ाई करने वाले करने की दिशा पूर्वी, उत्तर या उत्तर-पूर्वी दिशा में स्थित हो। अगर कमरे का दरवाजा भी इसी दिशा में खुले तो बेहतर हैं |
  2. बच्चे के पढ़ाई वाले कमरे में, रौशनी का आगमन जरूर होना चाहिए, इससे पढ़ाई वाले कमरे में सकारात्मक ऊर्जा बानी रहती हैं |
  3. पूर्व दिशा की और मुख करने से बच्चे की पढ़ाई में एकाग्रता बढ़ती हैं | इसलिए यह जरुरी हैं कि बच्चा जब पढ़ाई करें तो उसका मुख पूर्व दिशा की और हो |
  4. बच्चा जिस जगह भी पढ़ाई करता हैं, वो जगह हमेशा साफ़ रखें |

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@seemathakur4310 | Posted on August 28, 2018

वास्तु शास्त्र का सामान्य रूप से अर्थ है वास्तु के अनुसार घर की साज सज्जा करना | आजकल बहुत से लोग हैं जो वास्तु के अनुसार अपने घर की दिशा, सोने की दिशा उठने की दिशा, मंदिर का स्थान अदि निर्धारित करते है | वास्तु के बारे में थोड़ी बहुत जानकारी तो हम सभी को होती है परन्तु क्या आपको पता है की वास्तु आपके बच्चे की शिक्षा को भी प्रभावित करता है |


• वास्तु के अनुसार बच्चे को पूर्व दिशा में बैठाकर पढ़ाएं इससे बच्चो का ध्यान पढ़ाई की तरफ अधिक रहता है |
• बच्चो की पढ़ाई का स्थान कभी भी गुसलखाने के आस पास नहीं होना चाहिए, यदि ऐसा है तो जल्द से जल्द बच्चो का पढ़ने का स्थान बदल दें |
• पढ़ाई करने के टेबल को दीवार से सटाकर ना रखें |
• पढ़ाई करते समय हमेशा बच्चो को सूर्य की रौशनी की तरफ बैठाए परन्तु ध्यान रहे की परछाई किताबों पर न पड़े |
• बच्चो की पढ़ाई की टेबल पर एक लैंप जरूर रखना चाहिए यह अच्छे भाग्य का प्रतीक होता है |

यदि आप इस प्रकार से वास्तु का ख्याल रखेंगे तो आपके बच्चे की पढ़ाई ज़रूर प्रभावित होगी और हो सकता है उनके परीक्षा परिणाम भी अच्छे हो जाए |

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@krishnapatel8792 | Posted on April 17, 2023

जी हां बिल्कुल वास्तु शास्त्र का प्रभाव बच्चों की पढ़ाई पर भी पड़ता है।

आपका बच्चा जिस स्थान पर बैठकर पढ़ाई करता हो उस स्थान को हमेशा साफ रखना चाहिए।

जब भी आपका बच्चा पढ़ाई करने के लिए बैठे तो हमेशा उसके मुख की दिशा पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए क्योंकि इस दिशा की ओर मुंह करके पढ़ाई करने से एकाग्रता आती है।

बच्चों की पढ़ाई वाली टेबल पर एक लैंप अवश्य रखना चाहिए इसे अच्छे भाग का प्रतीक माना जाता है।

पढ़ाई वाली टेबल को कभी भी दीवार से सटाकर नहीं रखना चाहिए।

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